चीन से तनातनी के बीच और भारत की तीन जगहों को अपना बताकर नक्शा पेश करने वाला नेपाल अब अपना रुख बदल रहा है। शायद उसे अहसास होने लगा है कि असली दोस्त कौन है-चीन या भारत। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का भारत के प्रति नरम रुख का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भारतीय सेना प्रमुख एमएम नरवणे की नेपाल यात्रा से ठीक पहले उन्होंने अपने रक्षामंत्री को बदल दिया है।
पीएम ओली ने देश के उपप्रधानमंत्री ईश्वर पोखरियाल से रक्षा मंत्री का प्रभार वापस ले लिया है। इसे भारत के साथ रिश्ते सुधारने की ओर का कदम माना जा रहा है। नवंबर में भारतीय सेना प्रमुख को नेपाल की राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी सम्मानित करने जा रही हैं। यह दोनों देशों की सेनाओं के मजबूत रिश्तों की परंपरा को आगे बढ़ाने का प्रतीक माना जाता है। पहले यह सम्मान इसी साल फरवरी में ही दिया जाना था, लेकिन कुछ कारणों के चलते इसे टाल लिदया गया था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल के उपप्रधानमंत्री ईश्वर पोखरियाल ओली कैबिनेट में भारत के सबसे मुखर विरोधी माने जाते हैं। अब रक्षा मंत्रालय का पदभार खुद पीएम ओली ने अपने पास रखा है। ओली ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे 3 नवंबर को नेपाल की यात्रा पर जाने वाले हैं। नेपाल सेना प्रमुख नरवणे को नेपाली सेना के जनरल का मानद दर्जा प्रदान करेगा।