प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कोलकाता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती वर्ष के मौके पर आयोजित कई कार्यक्रमों का उद्घाटन किया। ‘पराक्रम दिवस’ पर आयोजित कार्यक्रम पर मोदी ने कहा कि नेताजी ने जिस भारत की कल्पना की थी, एलएसी से लेकर एलओसी तक उसका अवतार दुनिया देख रही है।
प्रधानमंत्री विक्टोरिया मेमोरियल भी गए जहाँ सीएम ममता बनर्जी और राज्यपाल धनखड़ भी उनके साथ थे। पीएम मोदी मेमोरियल हॉल में कुछ ही देर में ‘पराक्रम दिवस’ समारोह के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता की। पीएम ने विक्टोरिया मेमोरियल में दो नई गैलरी का भी उद्घाटन किया। एक गैलरी नेताजी को लेकर तैयार की गयी है, जिसका नाम निर्भीक सुभाष रखा गया है। दूसरी गैलरी देश के अन्य स्वतंत्रता आंदोलनकारियों को लेकर तैयार की गई है जिसका नाम ‘विप्लवी भारत’ रखा गया है।
इस अवसर पर पीएम मोदी एक स्थायी प्रदर्शनी और नेताजी पर एक प्रोजेक्शन मैपिंग शो का भी उद्घाटन किया। पीएम नेताजी की चिट्ठियों से जुड़ी एक किताब का भी विमोचन किया और एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया। नेताजी की थीम पर आधारित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘आमरा नूतन जिबनेरी’ भी आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम से पहले प्रधानमंत्री मोदी कोलकाता में ही नेशनल लाइब्रेरी (राष्ट्रीय पुस्तकालय) का भी दौरा किया। यहां एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ’21वीं सदी में नेताजी सुभाष की विरासत का फिर से दौरा’ सहित कई कार्यक्रमों और एक आर्ट गैलरी और चित्र प्रदर्शनी का पीएम उद्घाटन किया। इस अवसर पर मोदी ने कलाकारों और सम्मेलन के प्रतिभागियों के साथ बातचीत भी की।
मोदी ने कहा – ‘आज हर भारतीय अपने दिल पर हाथ रखे, नेताजी सुभाष को महसूस करे, तो उसे फिर ये सवाल सुनाई देगा। क्या मेरा एक काम कर सकते हो? ये काम, ये काज, ये लक्ष्य आज भारत को आत्मनिर्भर बनाने का है। देश का जन-जन, देश का हर क्षेत्र, देश का हर व्यक्ति इससे जुड़ा है।’
पीएम ने कहा – ‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस, गरीबी को, अशिक्षा को, बीमारी को, देश की सबसे बड़ी समस्याओं में गिनते थे। हमारी सबसे बड़ी समस्या गरीबी, अशिक्षा, बीमारी और वैज्ञानिक उत्पादन की कमी है। इन समस्याओं के समाधान के लिए समाज को मिलकर जुटना होगा, मिलकर प्रयास करना होगा।’