नीतीश कुमार आज 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बन गए। उपमुख्यमंत्री के रूप में तेजस्वी यादव के साथ उन्होंने अब से कुछ देर पहले राजभवन में पद और गोपनीयता की शपथ ली। राज्यपाल फागू चौहान ने एक सादे समारोह में दोनों को शपथ दिलाई। शपथ के बाद नीतीश ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा ‘सभी (हमारे नेताओं) से पूछ लो उनकी (भाजपा के साथ गठबंधन में) क्या हालत हुई थी’।
नेताओं से भरे पंडाल में दोपहर 2 बजे दोनों ने शपथ ली। तेजस्वी दूसरी बार उप मुख्यमंत्री बने हैं। चाचा-भतीजा की यह जोड़ी पिछली बार भी सत्ता में बनी थी, हालांकि, बाद में नीतीश भाजपा के साथ गठबंधन बनाकर अलग हो गए थे। अब उसी भाजपा के हाथों अपमानित होने का आरोप लगाकर वे आरजेडी-कांग्रेस के साथ सत्ता में आ गए हैं।
नीतीश ने शपथ के बाद कहा कि 2015 में हमें कितनी सीटें मिली थीं लेकिन भाजपा के साथ जाकर क्या हाल हुई ? जाहिर है 2024 के लोकसभा चुनाव में नीतीश यूपीए के साथ ही लड़ेंगे।
नीतीश ने मंगलवार को तेजस्वी यादव से साथ गठबंधन के स्वरूप को लेकर चर्चा की और साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी नेता राहुल गांधी को फोन करके महागठबंधन सरकार में उनका समर्थन करने के लिए आभार जताया। नीतीश अब एनडीए की जगह यूपीए का हिस्सा हो गए हैं।
भाजपा से नाता तोड़ने के बाद नीतीश ने कहा कि वे भाजपा के साथ अपमानित महसूस कर रहे थे। उन्होंने कहा – ‘काफी समय से भाजपा के रवैये से परेशानी महसूस कर रहा था और आज सब सहयोगियों ने एकमत से एनडीए से बाहर आने का समर्थन किया।’
नीतीश ने कल दोपहर राजभवन जाकर राज्यपाल फागू चौहान अपना इस्तीफा सौंप दिया और शाम को नई सरकार बनाने का दावा करते हुए राज्यपाल को 164 विधायकों के समर्थन वाला पत्र सौंपा। नीतीश आज 8वीं बार बिहार के सीएम बनेंगे। सात दलों के महागठबंधन में उनकी प्रमुख सहयोगी आरजेडी और कांग्रेस होंगी।
कल शाम जेडीयू के प्रमुख नीतीश कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से फोन पर बातचीत की और समर्थन देने के लिए उनका आभार जताया। नीतीश ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से बात भी फोन पर की। नीतीश भाजपा से नाता तोड़ें के बाद अब कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए का हिस्सा हो गए हैं जिसका आरजेडी भी हिस्सा है। पता चला है कि नीतीश कांग्रेस को सरकार में अच्छी हिस्सेदारी देंगे। कांग्रेस के 19 विधायक हैं।
बिहार में मंगलवार को राजनीतिक घटनाक्रम बहुत तेजी से बदला। नीतीश कुमार पहले एनडीए के मुख्यमंत्री के रूप में अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंपा। इसके बाद आरजेडी, कांग्रेस और अन्य सहयोगी दलों ने उन्हें महागठबंधन का नेता चुना। इसके बाद उन्होंने राज्यपाल के पास 164 विधायकों के समर्थन के साथ नई सरकार बनाने का दावा पेश किया।
बिहार विधानसभा में इस समय 242 सदस्य हैं और बहुमत के लिए 122 वोट की जरूरत है जिसे नीतीश आसानी से हासिल कर लेंगे। कांग्रेस ने सोमवार को कहा था कि वह धर्मनिरपेक्ष ताकतों को मजबूत करने में मदद करने के लिए बिहार में किसी भी गैर-भाजपा सरकार का समर्थन करेगी।