अचानक के राजनीतिक घटनाक्रम में आरसीपी सिंह को बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया गया है। पटना में जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक के आखिरी दिन इसका ऐलान किया गया। उधर अरुणाचल में भाजपा की जदयू के 7 विधायकों को तोड़कर अपने साथ मिलाने की घटना से पार्टी में जबरदस्त नाराजगी और गुस्सा है और इसे गठबंधन धर्म के खिलाफ बताया है। बिहार में भाजपा-जदयू सरकार है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक के अंतिम दिन मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने अपने नजदीकी सहयोगी और राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव दिया जिसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। नीतीश ने बैठक में एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत की बात की और कहा कि सीएम और राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद साथ रखना नहीं चाहते।
नीतीश ने कहा कि वे आरसीपी सिंह के नाम का प्रस्ताव करते हैं और उन्हें पूरी उम्मीद है कि सिंह की अगुवाई में जदयू आगे बढ़ेगा। बता दें आरसीपी सिंह को नीतीश कुमार के सबसे खास नेताओं में गिना जाता है। सिंह अभी तक संगठन में महासचिव का पद संभाल रहे थे और राज्यसभा के सदस्य भी हैं।
इस बीच अरुणाचल में जेडीयू के छह विधायकों को भाजपा में शामिल करने की घटना के बाद पार्टी में जबरदस्त नाराजगी उभर गयी है। इसका असर बिहार में भी दिख रहा है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा की गई है। इस मामले में जदयू महासचिव केसी त्यागी ने कहा – ‘अरुणाचल की घटना से हमारा दल आहत है। अरुणाचल में गठबंधन धर्म के खिलाफ काम हुआ है। लेकिन बिहार में अरुणाचल के दल बदल का कोई असर नहीं होगा। जैसे तीन लोक से न्यारी काशी, वैसे ही बिहार है, कोई फर्क नहीं पड़ेगा।’
त्यागी ने कहा कि आनेवाले महीनों में जिन राज्यों में चुनाव होगा, वहां के बारे में विचार होगा। कहा कि बंगाल में जदयू चुनाव लड़ेगी, ये फैसला हो चुका है। देश में पार्टी के विस्तार को लेकर भी बैठक चर्चा होगी।