अभी २०१९ के चुनाव को पांच के करीं महीने हैं लेकिन एनडीए के सहयोगियों ने गठबंधन की कश्ती से बाहर कूदना शुरू कर दिया है। उपेंद्र कुशवाहा मोदी सरकार में मंत्री हैं लेकिन उन्होंने शनिवार को संकेत दिए कि एनडीए से उनका बाहर जाना लगभग तय है। कुशवाहा शनिवार को जेडीयू-भाजपा गठबंधन की बिहार सरकार के खिलाफ उपवास पर बैठे। इस दौरान उन्होंने खुलकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा।
कुशवाहा के एनडीए से अलग होने की अटकलें शनिवार के उपवास के बाद और तेज हुई हैं। उनकी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) फिलहाल एनडीए की घातक है और खुद अध्यक्ष कुशवाहा केंद्रीय मंत्री हैं। शनिवार को वे अपने कार्यकर्ताओं के साथ उपवास पर बैठें। उपवास के बहाने कुशवाहा नीतीश कुमार पर जमकर सियासी हमला बोला।
कुशवाहा ने इस दौरान औरंगाबाद के देवकुंड में केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन मुहैया नहीं कराए जाने का आरोप जगाया। उन्होंने नीतीश को शिक्षा सुधार अभियान में ”अवरोधक” बताते हुए कहा कि बिहार में नए केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना में राज्य सरकार सहयोग नहीं कर रही।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के नाम पर राजनीति बहुत गलत है। ”औरंगाबाद और नवादा के लिए केंद्र सरकार के भेजे प्रस्ताव के बावजूद बिहार सरकार ने केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन उपलब्ध नहीं कराई, वरना आज इन विद्यालयों में भी पढ़ाई शुरू हो जाती।”
आरएलएसपी प्रमुख लोकसभा चुनाव के लिए तरजीह नहीं दिए जाने से एनडीए से खफा हैं। उनकी पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की कोशिशें नाकाम होने से भी कुशवाहा अपमानित महसूस कर रहे हैं। खबर यह भी है कि वे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने की तैयारी में हैं।