बिहार में सोमवार को नीतीश कुमार 7वीं बार मुख्यमंत्री बन गए हैं। राजभवन में उन्हें और 14 मंत्रियों को राज्यपाल फागू चौहान ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। भाजपा ने दो उपमुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है और यह पद तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को मिलेंगे जिन्होंने नीतीश के बाद सबसे पहले मंत्री पद की शपथ ली। पक्की संभावना है कि पूर्व मंत्री भाजपा के नंद किशोर यादव नई विधानसभा में स्पीकर बनेंगे। आरजेडी सहित विपक्ष के दलों ने शपथ ग्रहण समारोह का बॉयकाट किया और नीतीश सरकार को ‘मनोनीत सरकार’ बताया।
नीतीश ने आज 7वीं बार प्रदेश का जिम्मा बतौर मुख्यमंत्री संभाला है। तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी ने उनके बाद मंत्री पद की शपथ ली, जिन्हें भाजपा उप मुख्यमंत्री बनाने जा रही है। शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी उपस्थित रहे। शपथ ग्रहण के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने नीतीश कुमार और अन्य मंत्रियों को बधाई दी और कहा कि मिलकर बिहार का विकास करेंगे।
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव शपथ समारोह में शामिल नहीं हुए। दरअसल विपक्ष ने समारोह का वहिष्कार किया और आरोप लगाया कि यह सरकार जनता के समर्थन से नहीं बनी बल्कि छल करके सत्ता में आई है। नीतीश के अलावा 14 अन्य ने मंत्री पद की शपथ ली है, जिसमें भाजपा के सात, जेडीयू के पांच, हम और वीआईपी का एक-एक मंत्री शामिल है। साफ़ दिख रहा है कि आकार में भाजपा का पूरा दबदबा रहेगा और नीतीश कुमार स्पीकर भी अपना नहीं बना पाएंगे।
तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी के अलाव आज रामसूरत राय यादव ने मंत्री पद की शपथ ली जो मुजफ्फरपुर के औराई से विधायक हैं। दरभंगा के जाले से विधायक जीवेश कुमार मिश्रा ने मैथिली भाषा में शपथ ली। वह जाले से लगातार दूसरी बार भाजपा विधायक बने हैं।
राजनगर से विधायक रामप्रीत पासवान ने मंत्री पद की शपथ मैथली में ली जिनकी पहचान दलित चेहरे के तौर पर है। आरा से चौथी बार विधायक चुने गए अमरेंद्र प्रताप सिंह मंत्री पद की शपथ ली जो बक्सर जिले के हैं और सामाजिक कार्यकर्ता और किसान के रूप में पहचान रखते हैं। मंगल पांडे पिछली नीतीश सरकार में भी मंत्री पद का दायित्व संभाल रहे थे। पांडे बिहार भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं।
विकासशील इनसान पार्टी (वीआईपी) के मुकेश सहनी भी मंत्री बने हैं। वो अंतिम क्षणों में महागठबंधन छोड़ कर एनडीए में शामिल हुए थे और भाजपा कोटे से चार सीटें उन्हें मिली थीं। मुकेश खुद अपनी सीट पर हार गए थे फिर भी मंत्री बने हैं।
बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन मांझी भी मंत्री बन गए हैं।
फुलपरास से पहली बार जीतकर आई जेडीयू विधायक शीला कुमारी भी मंत्री बनी हैं जिन्हें जदयू का महिला चेहरा माना जाता है। तारापुर सीट से दूसरी बार लगातार जीतकर आए मेवालाल चौधरी के अलावा अशोक चौधरी ने ली मंत्री पद की शपथ ली है। जेडीयू के वे कार्यकारी अध्यक्ष हैं और पहले प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे लेकिन पार्टी ने उनकी कद्र नहीं की जिसके बाद वे जदयू में चले गए।
बिजेंद्र प्रसाद यादव भी मंत्री बने हैं जिन्हें नीतीश कुमार का करीबी माना जाता है। वे सुपौल से जीते है और पहले भी नीतीश मत्रिमंडल में ऊर्जा विभाग संभाल चुके हैं।
जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके विजय चौधरी इस बार सरायरंजन से जीतकर आए हैं और इस बार मंत्री बने हैं।
इस बीच चर्चा है कि पटना साहिब से जीतकर आए भाजपा के नंदकिशोर यादव इस बार सदन का संचालन करेंगे। भाजपा ने उन्हें विधानसभा अध्यक्ष का पद देने का फैसला किया है।
तेजस्वी यादव का ट्वीट –
Tejashwi Yadav
@yadavtejashwi
आदरणीय श्री नीतीश कुमार जी को मुख्यमंत्री ‘मनोनीत’ होने पर शुभकामनाएँ। आशा करता हूँ कि कुर्सी की महत्वाकांक्षा की बजाय वो बिहार की जनाकांक्षा और NDA के 19 लाख नौकरी-रोजगार और पढ़ाई, दवाई, कमाई, सिंचाई, सुनवाई जैसे सकारात्मक मुद्दों को सरकार की प्राथमिकता बनायेंगे।