निर्भया दुष्कर्म-हत्या मामले में दोषियों के सभी विकल्प खत्म हो गए हैं। राष्ट्रपति के बुधवार को चौथे दोषी पवन गुप्ता की दया याचिका खारिज करते ही अब गुरूवार को फांसी के लिए नया डेथ वारंट जारी हो सकता है।
इस मामले में राम सिंह, पवन, अक्षय, विनय और मुकेश को फांसी की सजा सुनाई गयी थी। मार्च २०१४ में हाईकोर्ट और मई २०१७ में सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा बरकरार रखी थी। ट्रायल के दौरान मुख्य दोषी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। एक अन्य दोषी नाबालिग होने की वजह से तीन साल में सुधार गृह से छूट चुका है।
राष्ट्रपति की तरफ से पवन की याचिका खारिज होने के बाद तिहाड़ प्रशासन बुधवार को नए डेथ वारंट के लिए पटिलाया हाउस कोर्ट पहुंचा। अब दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट गुरुवार दोपहर दो बजे फांसी की नई तारीख तय कर सकती है।
तिहाड़ जेल प्रशासन ने कोर्ट को बताया है कि निर्भया के चारों दोषियों के सभी कानूनी विकल्प ख़त्म हो चुके हैं और किसी दोषी की कोई याचिका कहीं भी लंबित नहीं है लिहाजा कोर्ट को नया डेथ वारंट जारी करना चाहिए। कोर्ट ने दोषियों को नोटिस जारी कर दिया है जिसपर कल दो बजे सुनवाई होगी।
इससे पहले तीन बार दोषियों की फांसी पर रोक लग चुकी है। सबसे पहले २२ जनवरी, फिर पहली फरवरी और तीसरी बार ३ मार्च को जो डेथ वारंट जारी किये गए थे उनपर कानूनी पेंचों के चलते अमल नहीं हो सका था।