16 दिसंबर 2012 को निर्भया के साथ हुई हैवानियत के दरिंदों को फांसी पर जल्द लटकाए जाने की अटकलें तेज हो गई हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि 16 दिसंबर या फिर 29 दिसंबर जिस दिन निर्भया की मौत हुई थी, को ही फांसी पर लटकाया जाए। हालांकि अभी राष्ट्रपति की ओर से फाइनल मुहर नहीं लगी है। बावजूद इसके तिहाड़ जेल प्रशासन ने फांसी की कोठी पर काम शुरू कर दिया है। जो अभी तक बंद पड़ा जेल में बंद था। निर्भया के चारों दोषियों को फांसी देने वाली दया याचिका पर अभी राष्ट्रपति की ओर से कोई अंतिम फैसला नहीं आया है। निर्भया के चारों दोषियों पर खास नजर रखी जा रही है। इसके लिए बाकायदा सीसीटीवी भी खरीदे गए हैं।
बताया गया कि आरोपी भी इससे चिंतित हैं और टीवी पर उनकी नजरें खबरों पर फोकस रहती हैं। बिहार के बक्सर जेल में पहले ही फंदों का ऑर्डर किया जा चुका है, जहां पर 10 फंदे बनाए जा रहे हैं। बक्सर जेल में फंदे बनाए जाते हैं। इसके अलावा जल्लाद की तलाश भी तेज कर दी है।
इससे पहले तिहाड़ जेल में संसद हमले में दोषी करार दिए गए आतंकी अफजल को जेल नंबर 3 में फांसी पर लटकाया गया था। यही पर अंदर 50 वर्गमीटर में नीचे बेसमेंट में कोठी बनी है, जहां पर फांसी दी जाती है। इसके अलावा जो कैदी मंडोली जेल में थे, उनको तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया गया है, क्योंकि मंडोली जेल में फांसी देने की व्यवस्था नहीं है।