सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया कि कोरोना की टेस्टिंग फ्री हो। प्राइवेट लैब में भी कोरोना की टेस्टिंग का कोई शुल्क न लिया जाए। केंद्र सरकार इस बाबत जरूरी दिशा-निर्देश जल्द से जल्द जारी करे।
कोविड-19 की जांच आईसीएमआर से मंजूरी वाली लैब में या फिर एनएबीएल से मान्यता प्राप्त लैब में ही करने की अनुमति दी गई है। इस मामले में दो हफ्ते बाद फिर सुनवाई होगी।
कोरोना वायरस का टेस्ट फ्री करने को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया।
याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च अदालत ने कहा कि निजी लैब्स में कोरोना टेस्ट के लिए वसूल किये जा रहे ४५०० रूपये की राशि बहुत ज्यादा है और इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती है।
याचिका में मांग की गई है कि देश के हर जिले में कम से कम 100 या 50 वेंटिलेटर होने चाहिए। कोरोना वायरस संक्रमण के कितने मामले बढ़े हैं, इनकी संख्या भी बताई जाए।
केंद्र की ओर से बताया गया कि 118 लैब रोज़ाना 15000 टेस्ट कर रही थीं। 47 प्राइवेट लैब को शामिल किया है। अभी नहीं पता कि कितने की जरूरत होगी और कब तक तालाबंदी जारी रहेगी।
गौरतलब है कि पहले भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद् (आईसीएमआर) ने निजी लैब्स में कोरोना कोविड-१९ के टेस्ट के लिए ४५०० रूपये की कीमत तय की थी। लेकिन सरकार लोगों को यह भी कह रही थी कि यदि वे कोइ समस्या या सिम्टम नहीं देख रहे तो उन्हें टेस्ट की जरूरत नहीं है। साथ ही यह भी जरूरी किया था कि यदि किसी को जांच करवानी ही है तो उसे क्वालिफाइड फिजिसियन से लिखवाना होगा।