सर्वोच्च न्यायालय ने केरल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर एंप्लॉयीज प्रविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (ईपीएफओ) की स्पेशल लीव पिटीशन को खारिज कर दिया है जिसके बाद निजी क्षेत्र में काम करने वालों की पेंशन में अच्छे बढ़ौतरी हो जाएगी। फिलहाल इनमें से ज्यादातर २१०० रूपये से भी कम पेंशन ले रहे हैं।
वैसे इस फैसले के लागू होने से रिटायरमेंट के वक्त मिलने वाला प्रविडेंट फंड (पीएफ) कम हो जाएगा। वजह यह कि अधिक पेंशन के लिए पीएफ का एक हिस्सा एंप्लॉयीज पेंशन स्कीम (ईपीएस) में डाला जाएगा। केरल हाईकोर्ट ने दिसंबर २०१८ के आदेश में कहा था कि ईपीएफओ एंप्लॉयीज को उनकी पूरी सैलरी के हिसाब से पेंशन दे और १५,००० रुपये मासिक की सीमा खत्म करे। यहां सैलरी का मतलब बेसिक सैलरी, महंगाई भत्ता और रिटेंशन बोनस है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब निजी क्षेत्र में काम करने वाले ईपीएस बेनिफिशियरी हैं, तो नौकरी के आखिर के १२ महीने की ऐवरेज मंथली सैलरी के हिसाब से आपकी पेंशन तय होगी। उदहारण के लिए २० साल की नौकरी के बाद रिटायरमेंट के वक्त आपकी एक साल की औसत मासिक वेतन एक लाख रुपये महीना है, तो अभी तक की व्यवस्था में २,१०० रुपये की पेंशन मिलती। केरल हाईकोर्ट का फैसला बहाल होने के बाद पेंशन की रकम बढ़कर २८,५७१ रुपये हो जाएगी। यह बढ़ोतरी १२६१ फीसदी है।