महाराष्ट्र में शिवसेना और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी फिर आमने-सामने हैं। सत्ताधारी शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में राज्यपाल कोश्यारी को निशाना बनाया है। दरअसल, पिछले दिनों सरकारी विमान के इस्तेमाल की अनुमति नहीं मिली थी, जिसका जवाब अब दिया गया है। राज्यपाल इस विमान से उत्तराखंड जाना चाह रहे थे, पर सरकार की ओर से मना कर दिया गया था। अब शिवसेना ने कहा है कि सरकारी विमान निजी उपयोग के लिए नहीं हैं।
सामना में लिखा कि “राजभवन में नियम-कानूनों की ऐसी अवहेलना होना काला कृत्य है। गृह मंत्रालय को भारतीय संविधान, नियम, कानून आदि से नफरत होगी तो ऐसे राज्यपाल का पूरा वस्त्रहरण होने से पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय को उन्हें वापस बुला लेना चाहिए। राज्यपाल के कंधे पर बंदूक रखकर केंद्र की महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार को निशाना बनाना सही नहीं है। बता दें कि राज्यपाल महोदय को सरकारी विमान उड़ाते हुए उनके अपने गृहराज्य अर्थात देहरादून जाना था। परंतु उद्धव सरकार ने उन्हें विमान के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी। राज्यपाल महोदय वीरवार सुबह विमान में जाकर बैठ गए। परंतु उड़ान की अनुमति नहीं होने के कारण उन्हें नीचे उतरना पड़ा तथा प्रवासी विमान से देहरादून आदि भागों में जाना पड़ा।”
आगे लिखा है कि “राज्यपाल का यह दौरा निजी था इसलिए सरकारी विमान का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। ऐसा अवगत कराने के बाद भी राज्यपाल विमान में बैठ गए। राज्यपाल ही क्या मुख्यमंत्री को भी निजी इस्तेमाल के लिए सरकारी विमान के अनुमति की इजाजत नहीं है। इसलिए इसमें विवाद का सवाल कैसे उठता है। पूरा देश जानता हे कि भाजपा अहंकार की राजनीति कर रही है। दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे करीब 200 किसानों ने अब तक जान दे दी है, लेकिन सरकार पीछे हटने को राजी नहीें है। इसे अहंकार नहीं कहा जाए तो क्या कहा जाए? फडणवीस कहते हैं, राज्यपाल को विमान नहीं दिया ये महाराष्ट्र के इतिहास का काला दिन है। सरकार ने राज्यपाल का अपमान किया। विपक्ष के नेता का ऐसा कहना ज्यादती है। उन्हें अपने संवैधानिक सलाहकारों से मामले में जानकारी हासिल करनी चाहिए।”