नामांकन रद्द होने के खिलाफ वाराणसी से सपा उम्मीदवार बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव ने सर्वोच्च अदालत का रुख किया है। एक याचिका दाखिल कर यादव ने चुनाव आयोग के उनके नामांकन को रद्द करने के फैसले को गलत बताते हुए इस मसले पर जल्द सुनवाई की गुहार लगाई है।
तेज बहादुर यादव ने अपनी याचिका में कहा है कि उन्होंने २४ अप्रैल को भरे नामांकन में नौकरी से बर्खास्तगी के सवाल पर गलती से हां लिख दिया। इसमें सवाल था कि क्या आप भ्रष्टाचार या सरकार के विश्वास हनन के लिए बर्खास्त हुए. मेरी बर्खास्तगी अनुशासनहीनता के चलते हुई थी। याचिका के मुताबिक उन्होंने २९ अप्रैल को दोबारा भरे नामांकन में इस गलती को सुधार दिआ और नौकरी से बर्खास्तगी का पत्र नए नामांकन के साथ लगाया।
याचिका में यादव ने लिखा है कि ३० अप्रैल को शाम ६ बजे निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव आयोग से चुनाव लड़ने की योग्यता पर सर्टिफिकेट लाने को कहा। पहली मई को उनका नामांकन ये कहते हुए खारिज कर दिया गया कि उनकी बर्खास्तगी अप्रैल २०१७ में हुई थी और वे इस तारीख के पांच साल तक चुनाव लड़ने के अयोग्य हैं। याचिका में यादव ने मांग की है कि सर्वोच्च अदालत निर्वाचन अधिकारी के आदेश पर रोक लगाए और उन्हें चुनाव लड़ने की इजाज़त मिले। वाराणसी लोकसभा सीट से पीएम मोदी चुनाव लड़ रहे हैं।