नाबालिग पति को बालिग पत्नी के साथ रखना एक अपराध

ऐसे मामले तो आपने पहले सुने होंगे कि पत्नी नाबालिग है और पति बालिग, जिसको लेकर ज्यादा बवाल भी नहीं मचता। लेकिन ऐसे मामले बेहद कम आते हैं जहां पर नाबालिग पति हो और बालिग पत्नी, उसमें भी मां चाहती हो कि उसका बेटा उसके साथ रहे। ऐसा ही मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा जिसमें अदालत ने अहम व्यवस्था दी है। हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि अगर पति नाबालिग है तो वो बालिग पत्नी के साथ रहने की इजाजत नहीं दी जा सकती। नाबालिग पति को उसकी बालिग पत्नी को सौंपना पाॅक्सो एक्ट के तहत अपराध है। इसी के साथ कोर्ट ने नाबालिग पति को सरकारी आश्रय स्थल में भेजने का आदेश दिया। यह आदेश जस्टिस जेजे मुनीर की एकल पीठ ने दिया।

यह मामला आजमगढ़ का है। कम उम्र में शादी कर चुके लड़के की मां ने याचिका दायर कर अपने बेटे को पास में रखने की इजाजत मांगी थी। उसे अपने पास रखने के लिए ही उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। याचिका में मां ने अपने नाबालिग बेटे की कस्टडी की मांग की थी। जबकि बेटा मां के साथ रहने को राजी नहीं था।

लेकिन मां बेटे को साथ रखना चाह रही थी। बताया गया कि लड़के की उम्र अभी महज 16 साल है। जब बेटा अपनी मां के साथ नहीं रहना चाहता तो हाईकोर्ट ने उसकी अभिरक्षा मां को भी नहीं दी। अदालत ने बेटे को उसके बालिग होने यानी अगले साल तक जिला प्रशासन को उसे सारी सुविधाओं के साथ आश्रय स्थल में रखने का आदेश दिया। साथ ही अदालत ने स्पष्ट किया कि बालिग होते ही वह अपनी मर्जी के साथ रहने को आजाद होगा। इससे पहले एक मामले में हाईकोर्ट ने कहा था कि यदि दो बालिग अपनी मर्जी से शादी कर रहे हैं, तब भी उन्हें साथ रहने का अधिकार है। भले ही उनके पास विवाह का प्रमाण न हो।