सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे ने शुक्रवार को कहा कि नागरिकों पर टैक्स का बोझ नहीं डाला जाना चाहिए। प्रधान न्यायाधीश ने एक और अहम बात कही कि टैक्स चोरी करना आर्थिक अपराध तो है ही, यह देश के बाकी नागरिकों से सामाजिक अन्याय करना भी है लेकिन सरकार भी यदि अत्याधिक या मनमाने तरीके से टैक्स लगाती है तो ये भी अपने आप में सरकार की तरफ से किया गया सामाजिक अन्याय है।
इनकम टैक्स ट्रिब्यूनल के ७९वें स्थापना दिवस के कार्यक्रम में बोबडे ने यह सब महत्वपूर्व बातें तब कही हैं जब देश का आम बजट आने वाला है। निश्चित ही उनकी बातों से आम टैक्सकर्ता को राहत मिली होगी और वे सरकार से हमेशा की तरह टैक्स स्लैब में बड़ी राहत की उम्मीद कर रहे होंगे।
कार्यक्रम में प्रधान न्यायाधीश ने कहा – ”टैक्सपेयर्स को उचित और शीघ्र विवाद समाधान मिलना चाहिए ताकि वो प्रोत्साहित हो सकें। साथ ही एक कुशल टैक्स न्यायपालिका को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि टैक्सपेयर मुकदमेबाजी में ही न फंसे रहें।”
न्यायमूर्ति बोबडे ने न्यायपालिका में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रयोग पर जोर देते हुए कहा कि टेक्नोलॉजी का उपयोग अहम है। उन्होंने कहा कि, ”आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फैसले लेने में अहम भूमिका निभा सकती है और कई क्षेत्र हैं जिन्हें इसके तहत लाया जा सकता है।”