सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दायर याचिकाओं पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। इस मामले पर कोर्ट २२ जनवरी को सुनवाई करेगा। अदालत ने क़ानून पर कोइ ”स्टे” नहीं दिया है।
मामले में बुधवार को सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि ”हमें देखना होगा कि क्या क़ानून पर स्टे दिया जा सकता है?” उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट नागरिकता संशोधन कानून की वैधता का परीक्षण करेगा। प्रधान न्यायाधीश जस्टिस बोबडे के नेतृत्व वाली तीन जजों की बेंच ने आज याचिकाओं पर सुनवाई की। इस बेंच में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं।
सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में फिलहाल केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर दिया है अदालत ने कहा कि कानून पर कोई रोक नहीं है। अदालत में इस मामले में चुनौती के लिए कुल ५९ याचिकाएं दायर की गयी हैं। मामले की अगली सुनवाई २२ जनवरी को राखी गयी है।
याद रहे मोदी सरकार के नागरिकता संशोधन कानून को लेकर अदालत में काफी याचिकाएं दायर की गयी हैं। यही नहीं दश भर में इसे लेकर विरोध प्रदर्शन भी जारी हैं। अदालत में जिन प्रमुख लोगों या दलों, संस्थाओं की तरफ से याचिकाएं दायर की गयी हैं उनमें में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, इंडियन मुस्लिम लीग और असम में सत्तारुढ़ भाजपा की सहयोगी पार्टी असम गण परिषद शामिल हैं।