गुजरात के नरोदा गाम हिंसा मामले में अहमदाबाद की विशेष अदालत ने गुरुवार को फैसला सुनाते हुए मामले के 67 आरोपियों को बरी कर दिया। बरी होने वालों में पूर्व मंत्री माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी का नाम भी शामिल हैं। उधर पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता शहजाद पठान ने कहा कि बरी करने के आदेश को गुजरात हाई कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।
एसआईटी मामलों के विशेष जज एसके बक्शी की कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। फैसले को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने दिवंगत कवि राहत इंदौरी के शेर का हवाला देते हुए गुजरात में भाजपा सरकार पर निशाना साधा।
उन्होंने लिखा – ‘जिधर से गुजरो धुआं बिछा दो, जहां भी पहुँचो धमाल कर दो। तुम्हें सियासत ने हक दिया है, हरी ज़मीनों को लाल कर दो। अपील भी तुम, दलील भी तुम, गवाह भी तुम, वकील भी तुम। जिसे भी चाहो हराम कह दो, जिसे भी चाहो हलाल कर दो।’
अदालत ने जिन आरोपियों को रिहा किया है उनमें पूर्व मंत्री माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी का नाम शामिल है। पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता शहजाद पठान ने कहा – ‘हम उन आधारों का अध्ययन करेंगे जिस पर विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को बरी करने का फैसला किया। हम आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे। ऐसा प्रतीत होता है कि पीड़ितों को न्याय से वंचित कर दिया गया है। सवाल यह है कि पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में 11 लोगों को किसने जलाया?’
साल 2002 में हुए इस दंगे में 11 लोगों की मौत हुई थी। इसमें पुलिस ने जांच के आधार पर गुजरात की पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी सहित 86 लोगों को आरोपी बनाया था। इस मामले में 86 आरोपी थे जिसमें से ट्रायल के दौरान 18 की मौत हो चुकी है।