राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी ने तकरीबन नवासी साल पहले नमक सत्याग्रह आंदोलन छेड़ा था। इसे दंाडी मार्च भी कहते हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने अर्से के बाद गांधी की कुटिया को नमन कर ‘नफरतहारेगी, सच्चाई जीतेगी’ आंदोलन 12 मार्च से शुरू किया।
कांग्रेस की गांधीनगर में हुई भारी ‘जनसंकल्प रैली’ में बड़ी तादाद में लोग थे। सालों बाद आए कांगेस के राष्ट्रीय नेताओं को देखकर जन उत्साह चरम पर था। भारतीय जनता पार्टी चूंकि नेता बनाती नहीं इसलिएउसी दिन उसने फिर कांग्रेस के चार विधायकों को पार्टी में शामिल कर अपनी पीठ थपथपाई। हालांकि इससे भाजपा के बुजुर्ग हो रहे उन नेताओं की बेचैनी ज़रूर बढ़ी होगी इस बार किसी आसन की उम्मीद मेंकतार में थे। वहीं गुजरात के युवा पटेल नेता हार्दिक पटेल को कांग्रेस ने गुजरात में अपना झंडा बुलंद किया।
जनसंपर्क रैली में ही कांग्रेस की ओर से अभी हाल नियुक्त पूर्वी उत्तरप्रदेश की नई महासविच प्रियंका गांधी ने अपना पहला राजनीतिक भाषण दिया। प्रियंका ने अपने भाषण में राष्ट्रपिता के शंाति, सदभावना, अहिंसा और प्रेम के संदेश को याद करते हुए जन समुदाय से कहा कि प्रेम के मुद्दों पर यह देश बना। लेकिन आज जो कुछ हो रहा है उससे दुख होता है। आप झूठे वादों पर यकीन न करें। यह देखें कि आपकावोट एक ऐसा हथियार है। जिसको सोच समझ कर इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा आज देश में 45 फीसद बेरोजग़ारी हैं। महिलाओं की सुरक्षा का वादा किया गया था। क्या आज वे सुरक्षित हैं? किसानों कीसमस्याएं हल नहीं हुई। इससे बड़ी कोई देशभक्ति नहीं है कि आप अपने वोट को हथियार मान कर प्रयोग में लाएं। इससे किसी को चोट नहीं लगती बल्कि यह आपको मज़बूत बनाता है। क्योंकि आप अपनेभविष्य को चुनने जा रहे हैं। आपके लिए महत्वपूर्ण है कि युवाओं को रोजग़ार कैसे? महिलाएं आगे कैसे बढ़ेंगी। किसानों के लिए राहत चाहिए । ये मुुद्दे हैं जिन पर सोच समझ कर फैसला लें। जिन्होंने रोजग़ार देने, बैंक खाते में लाखों लाने की बात की वे कहां हैं? सच्ची देशभक्ति नारे बाजी नहीं होती।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, देश में आज दो विचारधाराएं हैं। एक है महात्मा गांधी की जिन्होंने अहिंसा और शांति का संदेश देते हुए देश बनाया। यह देश गुजरात के छोटे व्यवसायों और किसानोंका है जिन्होंने इसे बनाए रखा। दूसरी विचारधारा है जो देश को दो भारत में बदलना चाहती है। एक रईस और भव्य भारत और दूसरा गऱीब और कमज़ोर ।
देश में लोगों को बांटा जा रहा है। नफरत फैलाई जा रही है। पढ़ालिखा योग्य नौजवान बेरोजग़ारी से हताश है। वह रोजग़ार के लिए अलगअलग क्षेत्रों में आवेदन कर रहा है। कहा गया था दो करोड़ युवाओं कोरोजग़ार देंगे। आज 45 फीसद नौजवान रोजग़ार के लिए भटक रहे हैं।
किसानों का मुद्दा लीजिए। उनके के कजऱ् माफ नहीं किए गए। हमने किसानों से बात की। किसानेां ने हमें समर्थन दिया। मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के किसानों के कजऱ् दस दिन में माफ हो गए। आप कोभी आज ज़रूरत है। क्या 15 लाख रुपए आपके खातों में आए?
देश की अच्छी भली अर्थव्यवस्था थी। रातोंरात नोटबंदी की घोषणा कर दी। बैंकों के बाहर लाइन में कोई बड़ा उद्योगपति नही खड़ा था। साधारण लोग खड़े थे। जो घर में बचे-खुचे नोट बदलवाने बैंक पहुंचे थे।
आप जीएसटी (गब्बर सिंह टैक्स) को ही ले लीजिए। ‘एक राष्ट्र, एक टैक्स’ कहा गया था। लेकिन हुआ क्या। पांच-पांच तरह के टैक्स लगाए गए। आज भी गांधीनगर, सुरेंद्र नगर के छोटेछोटे व्यापारी इस जीएसटीसे परेशान हैं। वे मुझ से शिकायत करते हैं।आपने सरकार में आने का मौका हमें दिया तो तय मानिए हम इसे बेहद सरल करेंगें। पांच अलग-अलग टैक्स नहीं लगाएंगे।
कांग्रेस की सरकार आई तो यह बेरोजग़ारों, गरीबों, छोटों को न्यूनतम आमदनी भत्ता देगी। यह हमारा जनता के लिए संकल्प है। हम यानी कांग्रेस 2019 में हर गरीब को मिनियम गारंटी इनकम के तहत उसकेबैंक के खाते में पैसे डालेगी। यह कांग्रेस ही कर सकती है।
यहां पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन बैठे हैं। उन्होंने राफेल सस्ती कीमत पर खरीदने की बात की। उनके रख-रखाब, मरम्मत की व्यवस्था सरकारी एचएएल में करने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री मोदी पेरिस गए। साथ मेंअनिल को ले गए। राफेल की कीमत बढ़ गई। तय पाया कि अनिल की फैक्टरी में उनका रख-रखाब होगा। विमान बनाने का उनका अनुभव नहीं । वे कागज़ का विमान भी नहीं बना सकते लेकिन उन्हें वायुसेनाका करोड़ों रुपया दे दिया गया।
आपने देखा, गुजरात में चुनाव हुआ। आपने हमेशा सहयोग दिया। लेकिन पूरा प्रदेश जानता है कैसे भाजपा बचते -बचाते निकली। ये सब नफरत फैला रहे हैं। गांधी प्यार की, सद्भावना की, अहिंसा की बात करतेथे। वे साथ बैठ कर समस्याओं को हल करने की दिशा में बात करने पर ज़ोर देते थे। लेकिन आज कुछ बरसों में कभी हुआ है। आज भी ये क्या कर रहे हैं पूरा गुजरात जानता है।
आज ज़रूरत है कि कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता एक-एक गांव, एक-एक जि़ले, एक-एक शहर में एक-एक घर में जाए। उन्हें बताए गुजरात का गौरव। उन्हें बताए कि पांच साल में जो-जो वादे नरेंद्र मोदी नेकिए चाहे वह बैंक खातों में 15 लाख लाने की बात हो, मेक इन इंडिया, स्वच्छता अभियान हो उनका हाल क्या है? जबकि कांग्रेस ऐसी पार्टी रही है जिसने जो कहा वह करके दिखा दिया।
आप देखिए जो लोग भारत में बैंकों से पैसा लूट कर ले गए उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कहते हैं नीरव भाई, ललित भाई। अखबारों में आपने भी पढ़ा होगा । ब्रिटिश सरकार ने नीरव के लदन में होने के बारे मेंभारत सरकार को बकायदा जानकारी दी थी और उनसे आरोप पत्र मांगे थे। लेकिन ब्यौरे भेजे ही नहीं गए। बड़े व्यापारियों के भारी भरकम कर्ज़ यह सरकार माफ कर देती है। लेकिन छोटे किसानों के कजऱ्माफ नहीं करती। बापू के विचारों के विपरीत है कांग्रेसी संस्कृति: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी के विचारों के ठीक विपरीत ठहराया हैं कंाग्रेसी की संस्कृति। कांग्रेस के सारे आला नेता जब महात्मा गांधी के दांडी मार्च के मौके पर अहमदाबाद में थे उसी दिन प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी दिल्ली में अपने ब्लॉग में लिख रहे थे कि समाज को विघटित करने में कांग्रेस की बड़ी भूमिका थी। उन्होंने कहा पिछले पांच साल में महात्मा गांधी की शिक्षाओं का हमेशा उनकी सरकार ने पालन कियाहै।
गांधी ने सिखाया था कि उस गरीब की तकलीफों की चिंता करो। हम जानते है कि हमने कितना कुछ उस गरीब के लिए किया है। कैसे हमारा काम उसे प्रभावित करता है। देश में किस तरह गरीबी दूर होगी औरसंपन्नता आएगी। यह हमारी सरकार जानती है।
अपने ब्लॉग में उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा समाज को विघटित किया। भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया। भ्रष्टाचार आज कांग्रेस का पर्यायवाची है। कांग्रेसी नेता कितनी विलासिता में रहते हैं यह सब जानतेहैं। इस पार्टी की कोई लोकतांत्रिक आस्था नहीं है। यह हमेशा परिवारवाद को बढ़ावा देती है।
धन्यवाद इस बात का है कि आज केंद्र में ऐसी सरकार है जो बापू की दिखाई राह पर चल रही है और जनशक्ति उनके सपनों को पूरा कर रही है। वे चाहते थे कि कांग्रेस की संस्कृति से देश आज़ाद हो। अपनेब्लॉग की शुरूआत में ही उन्होंने लिखा है कि आप जानते हैं कि दांडी मार्च की कल्पना किसके दिमाग की उपज थी? यह महान व्यक्तित्व सरदार पटेल ने दांडी मार्च की पूरी रूपरेखा तैयार की थी। उन्हें अंग्रेजोंने दांडी मार्च के पहले ही गिरफ्तार कर लिया था।
गंाधी ने कहा था असमानता और जातिवाद में उनका भरोसा नहीं है। लेकिन कांग्रेस समाज को बांटती है। सबसे ज़्यादा अलगाव और दंगे, दलित विरोधी फसाद कांग्रेसी राज में हुए।