आखिर केरल की नन के साथ दुष्कर्म के आरोपी जलंधर के बिशप ने अपना पद छोड़ दिया। पिछले कुछ रोज से वे मीडिया में चर्चा में हैं। उन्होंने ”अस्थायी तौर” पर पद छोड़ने का ऐलान करते हुए उम्मीद जताई कि जांच के बाद वे ”साफ” होकर निकलेंगे।
बिशप फ्रैंको मुलक्कल ने जलंधर डायोसीस की अपनी प्रशासनिक जिम्मेदारी एक वरिष्ठ पादरी को सौंप दी है। बिशप मुलक्कल ने एक सर्कुलर में कहा – ”मेरी अनुपस्थिति में मोन्साइनोर मैथ्यू कोक्कन्डम सामान्य रूप से ही डायोसीस का प्रशासन देखेंगे”। विवाद का यह पूरा मामला अब वेटिकन पहुंच गया है। भारत से चर्च का एक प्रतिनिधि वेटिकन में है और सम्भावना है कि आने वाले दिनों में वह इस मामले में हस्तक्षेप कर सकता है।
गौरतलब है कि नन ने कुछ रोज पहले वेटिकन से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप और जलंधर डायोसीस के प्रमुख के पद से मुलक्कल को हटाने की मांग की थी। नन का आरोप है कि ”बिशप मुलक्कल अपने खिलाफ चल रहे मामले को दबाने के लिए राजनीतिक और पैसों की ताकत का इस्तेमाल कर रहे हैं”। मामले में पीड़िता की तस्वीर जारी करने को लेकर मिशनरीज ऑफ जीसस के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है।
कैथोलिक पादरी फॉदर ऑगस्टीन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के कानूनों के उल्लंघन करते हुए मिशनरीज ऑफ जीसस ने शिकायतकर्ता की तस्वीर जारी कर दी। यह धारा 228 ए का उल्लंघन है। अब सबकी नजर इस मामले की अगली घटनाओं पर है। इस मामले को लेकर प्रदर्शन भी हो चुके हैं।