सिखों के पहले गुरु श्री गुरुनानक देव जी के जन्म स्थल ननकाना साहिब गुरुद्वारा पाकिस्तान पर हुए हमले के विरोध में दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के बाहर ज़ोरदार विरोध-प्रदर्शन कर पाकिस्तान सरकार को चेतावनी भरे लहज़े में कहा कि पाकिस्तान की इस हरकत को बर्दास्त नहीं किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का दोहरा चेहरा साफ दिख गया कि एक ओर तो ननकाना साहिब के नाम पर सिखों को जोडऩे की बात करते हैं, वहीं उनकी सरकार हमले में शामिल दोषी लोगों को गिरफ्तार करने में हिचकाती है। सिखों ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील की है कि वह इस मामले में ठोस कार्रवाई करें और पाकिस्तान से किसी प्रकार के रिश्ते न रखें। ननकाना साहिब गुरुद्वारा पर हमले के विरोध में दिल्ली में सियासत भी खूब हुई। सभी सियासतदानों ने हमले की निन्दा की। भाजपा ने कहा कि आज कांगेस और उसके सहयोगी दलों को समझना होगा कि केन्द्रीय नागरिगता कानून क्यों ज़रूरी है? सिखों में गुस्सा इस कदर है कि उन्होंने कहा कि सिर कटा सकते हैं, तो काट भी सकते हैं। तहलका संवाददाता ने सिखों और सियासतदानों से बातचीत की, तो उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपनी ओछी हरकतों के लिए ही जाना जाता है। प्रदर्शन में दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्यों, अन्य सिखों, भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने भाग लिया और पाकिस्तान के झण्डे भी जलाये। दिल्ली सिख कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि सिखों का स्वभाव सेवाभाव का रहा है। पर इसका यह मतलब नहीं कि सिखों पर हमले को बर्दास्त किया जाएगा। सिख ईंट का जबाव पत्थर से देना जानते हैं। उन्होंने पाकिस्तान को याद दिलाया कि गुरुघर का निरादर करने वाले मस्से रंघण का सिर काटकर ले आये, तो फिर यह मोहम्मद हसन क्या है? पाकिस्तान में ही नहीं, कहीं पर भी सिखों के साथ अन्याय को बर्दास्त नहीं किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि एक ओर तो सोशल मीडिया में सक्रिय रहने वाले प्रधानमंत्री इमरान खान आज चुप हैं, वे चुप्पी तोड़े और कार्रवाई। कांग्रेस के नेता पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान के दोस्त नवजोत सिंह सिद्धू घर से बाहर निकलें और इस मामले में कुछ बोलें, ताकि पाकिस्तान में सिखों पर हमले न हों। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर.पी. सिंह ने प्रदर्शन कर पाकिस्तान सरकार से कहा कि सिखों को सुरक्षा दें और सिखों से माफी माँगें। सालोंसाल से पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हमले होते रहे हैं। इससे यह पता चलता है कि वहाँ पर अल्पसंख्यकों की कितनी दुर्दशा है? जेहादियों ने ननकाना साहिब गुरुद्वारा पर हमला कर उनका नाम मिटाने की धमकी दी है। भाजपा के नेता हेमंत प्रजापति ने कहा कि पाकिस्तान को सबक सिखाया जाएगा और भारत के लोगों को अब समझना होगा कि नागरिकता संशोधन कानून सीएए की आज कितनी ज़रूरत है। नागरिकता कानून से अल्पसंख्यकों की भारत में रक्षा की जाएगी। पर भाजपा विरोधी पाॢटयाँ न जाने क्यों सीएए का विरोध कर रही है?
कांग्रेस पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा और पूर्व अध्यक्ष अरविन्द सिंह लवली सहित हारून युसुफ ने प्रदर्शन कर कहा कि गुरु के घर पर हमला बर्दास्त नहीं किया जाएगा। ननकाना साहिब घटना को लेकर सिर्फ सिख समुदाय ही नहीं पूरा देश आहत है। उन्होंने कहा कि इसमें भयानक साज़िश है। इस तरह की घटना और धर्म परिवर्तन का मामला गम्भीर है।
केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पाकिस्तान स्थित श्री ननकाना साहिब हमले को लेकर कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं है। वहाँ पर धार्मिक अल्पसंख्यकों किस तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैै। यह तो अब जग ज़ाहिर हो गया है। पर भारत में भाजपा विरोधी अभी भी नहीं समझ रहे हैं कि सीएए कितना ज़रूरी हैं। केन्द्रीय मंत्री ने सीएए का विरोध करने वालों को बताया कि उन्हें अभी भी सबूत ज़रूरत है, तो पकिस्तान में ननकाना साहिब की घटना को देख लें। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने पाकिस्तान के ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हमले की निन्दा करते हुए कहा कि ये बेहद कायराना हरकत हैं। ननकाना साहिब करोड़ों लोगों की आस्था का केन्द्र है। सिखों पर हमले और उत्पीडऩ को बर्दास्त नहीं किया जाएगा। पाकिस्तान सरकार इस मामले तुरन्त कार्रवाई करें और दोषियों के िखलाफ कार्रवाई करें।
रकाबगंज गुरुद्वारे के पीआरओ सरदार भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि गुरुद्वारे पर हमला और सिखों को धर्म-परिवर्तन को लेकर कई बार वहाँ की सरकार से शिकायत की गयी है। लेकिन कार्रवाई न होने से आज वहाँ के अराजक तत्त्व ननकाना साहिब के बाहर उपद्रव कर रहे हैं और वहाँ की सरकार मूक-दर्शक बनी हुई है। बड़ी ही शर्मनाक है।