जगत प्रकाश नड्डा का नया भाजपा अध्यक्ष बनना तय है। वे आज अमित शाह से यह पद संभालेंगे। दिन में इस पद के लिए नामांकन भरा जाना है और किसी और के मैदान में न होने की स्थिति में उन्हें आज ही निर्विरोध भाजपा अध्यक्ष चुन लिए जाने की पक्की संभावना है।
नड्डा हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं और आज जहाँ भी हैं, अपनी मेहनत और संगठन के प्रति गहरे समर्पण के बूते हैं। वैसे तो एबीवीपी के समय से ही नड्डा अपनी संगठन क्षमताओं के कारण एक जाना पहचाना चेहरा रहे हैं, भाजपा में उन्होंने एक लंबा सफर तय किया है।
उनके राजनीतिक करियर ने ऊंची उड़ान भरी उत्तर प्रदेश भाजपा का प्रभारी बनने के बाद। नड्डा ने संगठन को सपा-बसपा गठबंधन के सामने भी कमजोर नहीं पड़ने दिया और भाजपा ने मई, २०१९ के लोक सभा चुनाव में ८० में से ६४ सीटें जीत लीं। यह नड्डा की संगठन क्षमता के बूते ही संभव हुआ था। इसके बाद नड्डा को भाजपा का कार्यकारी अधयक्ष बना दिया गया। नड्डा फरवरी २०१० से नवम्बर २०१४ तक नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह और अमित शाह के साथ पार्टी के महासचिव के रूप में काम कर चुके हैं।
इस मुकाम तक पहुंचने के लिए नड्डा एक लम्बा सफर तय किया है। पटना में १९६० में जन्मे नड्डा इस समय राज्य सभा के सदस्य हैं जबकि पिछली मोदी सरकार में वे स्वास्थ्य मंत्री थे। १९८३ में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में एबीवीपी अध्यक्ष बने और १९९१ में भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए। हिमाचल के बिलासपुर से १९९३ में पहली बार विधायक चुने गए और १९९८ में प्रेम कुमार धूमल सरकार में पहली बार और २००७ में दूसरी बार मंत्री बने।
तीन साल बाद ही सरकार में मंत्री पद छोड़कर २०१० में वे भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री बनाये गए। वे इस दौरान जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना, पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़, केरल,राजस्थान और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों के प्रभारी रहे। साल २१०२ में उन्हें राज्यसभा सदस्य चुना गया जबकि २०१४ में नड्डा भाजपा केन्द्रीय संसदीय बोर्ड के सचिव नियुक्त हुए। अब भाजपा का कार्यकारी अध्यक्ष होने के नाते उन्हें भाजपा अध्यक्ष पद का स्वाभाविक दावेदार माना जा रहा है।
तीन साल बाद ही सरकार में मंत्री पद छोड़कर २०१० में वे भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री बनाये गए। वे इस दौरान जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना, पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़, केरल,राजस्थान और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों के प्रभारी रहे। साल २१०२ में उन्हें राज्यसभा सदस्य चुना गया जबकि २०१४ में नड्डा भाजपा केन्द्रीय संसदीय बोर्ड के सचिव नियुक्त हुए। अब भाजपा का कार्यकारी अध्यक्ष होने के नाते उन्हें भाजपा अध्यक्ष पद का स्वाभाविक दावेदार माना जा रहा है।