जम्मू के नगरोटा में सुरक्षा बलों के हाथों एक मुठभेड़ में ढेर हुए आतंकियों से मिले हथियारों के जाँच के बाद भारत ने शनिवार को पाकिस्तानी राजदूत को समन किया। उनसे इस मामले में कड़ा विरोध दर्ज कराया गया। इस बीच रिपोर्ट्स के मुताबिक नगरोटा में मारे गए आतंकी सुरंग खोदकर भारत में घुसे थे।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने शनिवार को पाकिस्तानी राजदूत को तलब कर इस घटना पर कड़ा विरोध दर्ज कराया। मंत्रालय ने कहा कि इस संभावित हमले को भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता के कारण ही रोका जा सका। भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वो न सिर्फ आतंकियों को समर्थन देना बंद करे, बल्कि अपनी जमीन से दूसरे देशों में हमला करने वाले आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई कर पूरे आतंकी ढांचे को ख़त्म करे।
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में जानकारी दी है कि ये सभी आतंकी पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य थे, ऐसा शुरुआती जाँच में पता चला है। इसे संयुक्त राष्ट्र समेत कई देशों ने आतंकी संगठन घोषित कर रखा है। भारत सरकार ने जैश-ए-मुहम्मद के भारतीय सरजमीं पर लगातार किए जा रहे आतंकी हमलों के खिलाफ कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए याद दिलाया कि फ़रवरी 2019 में हुए पुलवामा आतंकी हमले सहित कई वारदातों में इसकी भूमिका रही है।
बता दें सतर्क भारतीय सुरक्षा बलों ने नगरोटा में एक ट्रक से कश्मीर जा रहे आतंकियों को ढेर कर एक बड़े आतंकी हमले को नाकाम कर दिया था। आतंकवादियों के पास मिले कुछ सबूतों से सुरक्षाबलों के कान खड़े हो गए हैं। आतंकवादियों का पाकिस्तान और चीन कनेक्शन सामने आया है। इस बात की आशंका जताई जा रही है कि आतंकवादी पाकिस्तान की तरफ से सुरंग का इस्तेमाल कर भारत में दाखिल हुए। वहीं बरामद हथियारों पर ‘मेड इन चाइना’ लिखा मिलने से इनके चीन में बने होने की बात सामने आ रही है।
आशंका है कि आतंकवादी सुरंग के रास्ते से भारत की जमीन में दाखिल हुए क्योंकि सीमा पर मजबूत तारबंदी है। तार कहीं से भी टूटी नहीं मिली थी जिससे उनके सुरंग से आने की आशंका को बल मिला है। हाल में सीमा पर सुरंगों का पता चला है। महीने की शुरुआत में बीएसएफ ने जम्मू में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर एक सुरंग का पता लगाया था जो सांबा सेक्टर में थी।