प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नई दिल्ली में नए संसद भवन का विधिपूर्वक शिलान्यास और भूमि पूजन सर्वधर्म प्रार्थना के साथ किया। करीब 971 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला नया संसद भवन आने वाले सौ सालों की जरूरतों के हिसाब से बनाया गया है। यह संसद भवन अक्टूबर 2022 तक पूरा होगा और संभावना है कि उस साल का शीतकालीन सत्र नए संसद भवन में होगा।
नया संसद भवन अत्याधुनिक, तकनीकी सुविधाओं से युक्त होगा और इसमें सोलर सिस्टम से ऊर्जा बचत भी होगी। नई लोकसभा मौजूदा आकार से तीन गुना बड़ी होगी और राज्यसभा के आकार में भी वृद्धि की गई है। ये नया संसद भवन न केवल पुराने भवन से बड़ा होगा, बल्कि इसका आकार भी गोल न होकर त्रिभुजाकार होगा। भवन को अक्टूबर 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य है ताकि देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर इसी भवन में सत्र का आयोजन हो। नए संसद भवन में लोकसभा का आकार मौजूदा से तीन गुना होगा।
पुराने संसद भवन की तुलना में इसमें ज्यादा कमेटी रूम और पार्टी दफ्तर होंगे। इसमें राज्यसभा का भी आकार बढ़ेगा। कुल 64,500 वर्गमीटर क्षेत्र में नए संसद भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लि. की ओर से कराया जाएगा। नए संसद भवन की डिजाइन एचसीपी डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार की है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष रतन टाटा, केंद्रीय मंत्री एचएस पुरी, राज्य सभा के उप सभापति हरिवंश सहित कई केंद्रीय मंत्री, बड़ी संख्या में सांसद और कई देशों के राजदूत इस ऐतिहासिक अवसर के गवाह बने।
वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भूमि पूजन कार्यक्रम आरंभ हुआ और इसके संपन्न होने के बाद शुभ मुहुर्त में प्रधानमंत्री ने परम्परागत विधि विधान और भूमि पूजन करने के साथ ही नये संसद भवन की आधारशिला रखी। नए संसद भवन के शिलान्यास समारोह में विभिन्न धर्मगुरुओं ने ‘सर्व धर्म प्रार्थना’ की।