राजधानी दिल्ली में हर तरफ धुंए की चादर है। पंजाब में पराली जलने से खराब हुई हालत दिवाली के पटाखों ने और पतली कर दी है। प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया है जिससे राजधानी की जनता परेशान है। लोग इन्तजार कर रहे हैं कि बारिश हो जाए तो कुछ राहत मिले। वैसे कुछ जगह लोगों को राहत देने के लिए पानी का छिड़काव सरकार ने करवाया है।
इस बार दिल्ली में स्कूली बच्चों से लेकर बड़ों तक में ”ग्रीन दिवाली” की लहर दिखी थी लेकिन यह बातों तक ही सीमित रही। जमकर प्रदूषण फैलाने वाले पटाखे चलाये गए। ग्रीन पटाखे बच्चों को दुकानों में मिले नहीं। रोक थी लेकिन प्रदूषण फैलाने वाले पटाखे फिर भी धड़ल्ले से बिके।
अब राजधानी के आसपास के इलाके भी गैस चैंबर होने जैसी हालत में हैं। अगले दो दिन तक राहत के आसार नहीं। बुधवार सुबह दिल्ली में पीएम २.५ का स्तर ५००, जिसे गंभीर और पीएम १० का स्तर ३७९, जिसे बहुत खराब माना जाता है, में पहुचंह गया। इसके बाद के स्तर को ‘इमरजंसी’ की श्रेणी में माना जाता है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दिल्ली की क्या हालत है।
राजधानी में मंगलवार को एक्यूआई ४०० तक दर्ज किया गया था। गाजियाबाद की हवा में सबसे ज्यादा प्रदूषण दर्ज किया गया और वहां धुआं भी सबसे ज्यादा है। सुबह आठ बजे दिल्ली के आरकेपुरम में पीएम २.५ १९२ और पीएम -१० १६७ दर्ज किया गया। दिल्ली के आसपास की स्थिति और भी बुरी है। नोए़डा में पीएम २.५ ३१२ और पीएम १० २७६ दर्ज किया गया।
गाजियाबाद में पीएम २.५ का स्तर ३८१ और पीएम १० ३३९ पहुंच गया। इस लिहाज से दिल्ली से भी ज्यादा नोएडा और गाजियाबाद वायुप्रदूषण से प्रभावित हैं। मौसम विभाग के मुताबिक हवा का बहाव बहुत कम होने की वजह से यह प्रदूषण दिल्ली और आसपास के इलाकों में रुक गया है। मौसम विभाग ने कहा है कि अगले दो दिन राहत के आसार नहीं।