झारखंड के निरसा में मंगलवार को तीन खदानों में हुए हादसे में फंसे 12 से ज्यादा लोगों का अभी भी कुछ पता नहीं चल पाया है जबकि प्रशासन ने 5 लोगों के मरने की पुष्टि की है। आशंका जताई गयी है कि मरने वालों की संख्या ज्यादा हो सकती है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घटना पर गहरा दुख जताते हुए कहा जिला राहत कार्य में जुटा है और घायलों की मदद की जा रही है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक इन खादानों में 15 से ज्यादा लोग थे। इतनी देर खदान में फंसे रहने के कारण इन लोगों को लेकर चिंता जताई गयी है। निरसा का यह इलाका धनबाद में पड़ता है। निरसा में ईसीएल की गोपीनाथपुर, कापासारा और बीसीसीएल की दहीबाड़ी आउटसोर्सिंग में मंगलवार को यह हादसा तब हुआ जब वहां अवैध खनन का काम चल रहा था।
काम के दौरान मलबे में दबकर कई ग्रामीणों की जान चली गयी। अभी तक प्रशासन ने 5 लोगों के मरने की पुष्टि की है लेकिन काफी लोग अभी भी मलबे में फंसे हैं। बता दें यह खदानें 10 से 20 किलोमीटर के बड़े क्षेत्र के बीच हैं।
हादसे के बाद वहां लोगों की जान बचाने के लिए स्थानीय खदान प्रबंधन पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए गए हैं। स्थानीय विधायक अपर्णा सेनगुप्ता और पूर्व विधायक अरूप चटर्जी के आने के बाद जाकर प्रबंधन ने मलबा हटाने का काम शुरू किया। ग्रामीण भी वहां लगातार जुटे रहे और मदद की।
घटना को लेकर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। घटना पर जिला खनन अधिकारी से भी रिपोर्ट तलब की गयी है। इस मामले में चूक कैसे हुई, इसे लेकर जांच के आदेश दिए गए हैं।