भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 19 मई को 2,000 का नोट वापस लेने की घोषणा करने से उत्तर प्रदेश में उन लोगों में खलबली है, जिनके पास इन नोटों के बंडल छिपे हैं। कोई 2,000 के नोट को चलन से बाहर करने की निंदा कर रहा है, तो कोई सरकार की प्रशंसा कर रहा है। नोट तो पूरे देश में बदले जा रहे हैं, मगर उत्तर प्रदेश में कुछ अलग ही नज़ारा देखने को मिल रहा है। दुकानदार 2,000 रुपये का नोट नहीं ले रहे हैं, बैंक वाले इन 2,000 के नोटों में से नक़ली नोट निकालने के प्रयास में लगे हैं। जब भी कोई 2,000 के नोटों की गड्डी लेकर बैंक पहुँचता है, तो बैंक वाले उसे ऐसे देखते हैं जैसे वह अपराधी हो, जमाकर्ता से कई सवाल पूछे जाते हैं, नोट बदलने में आनाकानी की जाती है। पहले ही तनाव में आये ग्राहक बैंककर्मियों की आनाकानी पर झगड़े पर उतर आते हैं।
शाही के सरकारी स्कूल के एक अध्यापक ने बताया कि बैंक वाले बड़ी मुश्किल से 2,000 के 10 नोट ही ले रहे हैं। अगले दिन दोबारा अगर कोई 2,000 के नोट लेकर बैंक पहुँचता है, तो उससे आधार कार्ड, पैन कार्ड माँगा जाता है। जमाकर्ता के 2,000 के नोटों को ऐसे बार बार देखा जाता है, जैसे वो घर में छापकर नक़ली नोट ले आया हो। राकेश दिनकर कहते हैं कि उन्हें इस बार की नोटबंदी से कोई असर नहीं हुआ है। वो किसान हैं और किसानों, मज़दूरों के पास 2,000 का नोट तो दूर की बात 500 रुपये का नोट भी क़िस्मत से ही आता है।
किसानों का पैसा खेती एवं ऋण चुकता करने में निकल जाता है और मज़दूर को एक दिन की दिहाड़ी ही 300 से 400 रुपये मिलती है। मज़दूर तो वैसे भी रोज़ कमाकर खाने वाले होते हैं। कुल मिलाकर 2,000 रुपये के नोट की वापसी को लेकर कई तरह के अनुभव हो रहे हैं, जिन्हें बैंककर्मियों एवं सरकार को समझना होगा।
कुछ बैंक माँग रहे पहचान पत्र
जब 2,000 रुपये के नोटों की वापसी की घोषणा हुई, उसके बाद लोगों में हडक़ंप मच गया। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की भारतीय स्टेट बैंक की एक शाखा में 2,000 के नोट बदलवाने आने वालों से आधार कार्ड, वोटर कार्ड में से कोई एक पहचान पत्र माँगा गया। शुरू में इसे लेकर विवाद भी हुआ। लखनऊ की तरह ही गाँवों एवं दूसरे शहरों की कई बैंक शाखाओं में यही हाल है। बैंककर्मी 2,000 रुपये का नोट जमा कराने आने वालों से पहचान पत्र माँग रहे हैं। जो लोग अधिक नोट जमा कराने बैंक में जा रहे हैं, उनसे आधार कार्ड के अतिरिक्त पैन कार्ड भी माँगा जा रहा है। कुछ जगह उच्चाधिकारियों के निर्देश के उपरांत पहचान पत्र की माँग बैंककर्मी नहीं कर रहे हैं। वाराणसी के एक बैंक ने तो बैंक के बाहर सूचना लगा दी थी कि 2,000 के नोट नहीं लिये जाएँगे। बाद में जब बात बढ़ी, तब बैंक ने सूचना हटायी।
बैंककर्मियों की मनमानी
बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक का निर्देश है कि वो 2,000 रुपये के नोट को बदलने का कार्य करें। मगर बैंकों के कर्मचारी नोट बदलने में आनाकानी कर रहे हैं। वो नोट बदलने वाले ग्राहकों से छोटे नोट न होने की बात कहकर 2,000 के नोट जमा करने का दबाव बना रहे हैं। कई जनपदों से ऐसे समाचार सामने आ रहे हैं, जहाँ बैंककर्मी नोट बदलने आ रहे ग्राहकों से नोटों को जमा करने अथवा कुछ बदलने एवं कुछ नोट जमा करने का दबाव बना रहे हैं।
खाता न होने पर आनाकानी
बैंकों में 2,000 का नोट बदलने आने वाले ग्राहकों से अधिकतर बैंकों कर्मचारी पूछ रहे हैं कि उनका खाता कहाँ है। अगर किसी ग्राहक का खाता उस बैंक में नहीं होता, जहाँ वो नोट बदलने गया है, तो बैंककर्मी नोट बदलने से मना करते हैं। अत्यधिक नोकझोंक के उपरांत कहीं कहीं ऐसे ग्राहकों को सहूलत मिल रही है, जिनका खाता उस बैंक में अथवा शाखा में नहीं है। हालाँकि कुछ बैंकों में किसी से कुछ नहीं पूछा जा रहा है, केवल 2,000 रुपये तक एक दिन में जमा करने अथवा बदलने का नियम तय है, जो कि भारतीय रिजर्व बैंक का निर्देश है।
मिल रहे नक़ली नोट
भारतीय मुद्रा जन सामान्य की पहुँच से इतनी दूर होती है कि उसे इसके असली अथवा नक़ली होने की पहचान भी ठीक से नहीं होती। बैंकों में 2,000 के नोट जमा कराने वालों को अब इस परीक्षा का सामना करना पड़ रहा है कि उनके पास सभी नोट असली हों। कई जगह 2,000 के नक़ली नोट निकलने पर झगड़े के समाचार पढऩे-सुनने को मिल रहे हैं। जमाकर्ता सीधे कह देते हैं कि वो घर में नोट नहीं छापते मगर बैंककर्मी ऐसे नोट लेते नहीं, जो नक़ली हों। अन्त में जमाकर्ताओं को ही नक़ली नोट का चूना लगता है। आगरा में एक सोना व्यापारी के बेटे ने जब स्थानी बैंक में 2,000 के 3.85 करोड़ रुपये जमा कराये, तो उसमें तीन नोट नक़ली निकले। इस पर बैंक वालों ने पुलिस बुला ली थी। अत्यधिक झड़प के उपरांत मामला शान्त हुआ।
ख़राब नोट नहीं ले रहा कोई
बैंकों में कटे-फटे नोट बदले जाते हैं। मगर इस समय अगर किसी के पास 2,000 रुपये का नोट कटा-फटा, रंग लगा हुआ, लिखा हुआ अथवा बहुत गंदा है, तो बैंककर्मी भी उसे लेने में आनाकानी कर रहे हैं। दुकानदार तो ऐसे नोट को ले ही नहीं रहे हैं। दुकानदार तो पहले ही 2,000 रुपये का नोट नहीं ले रहे हैं। सुनार, बड़े व्यापारी, अस्पताल वाले 2,000 के नोट लेने में कम आनाकानी कर रहे हैं, मगर अन्य तो ले ही नहीं रहे हैं। 2,000 का नोट देखते ही उनका एक ही बहाना होता है, छुट्टे नहीं हैं। ओमवीर सिंह कहते हैं कि सरकार ने नोटबंदी की दूसरी बार मुसीबत पैदा की है। आम लोगों को इस तरह के आदेशों से कई समस्याएँ आती हैं, जिनका समाधान आसानी से नहीं होता। अगर कोई 2,000 रुपये का नोट नहीं लेता है, तो नोट वाला व्यक्ति कहीं और जाकर प्रयास करता है।
छुट्टे न होने पर निकाला पेट्रोल
जनपद जालौन के एक पेट्रोल पम्प पर जब एक ग्राहक ने अपनी स्कूटी में पेट्रोल डलाकर 2,000 का नोट दिया, तो पेट्रोल पम्प के कर्मचारी ने नोट लेने से मना कर दिया। जब ग्राहक ने 2,000 के अतिरिक्त पैसे न होने की बात कही, तो पेट्रोल पम्प कर्मचारियों ने स्कूटी से पेट्रोल वापस निकाल लिया। इस पेट्रोल पम्प पर ग्राहकों से कहा जा रहा है कि 50-100 रुपये का डीजल अथवा पेट्रोल लेने पर 2,000 का नोट नहीं लिया जाएगा। यही काम कुछ दुकानदार कर रहे हैं। बहेड़ी में एक ग्राहक ने परचून की दुकान से 800 रुपये का सामान लेकर दुकानदार को 2,000 का नोट थमाना चाहा, तो दुकानदार ने छुट्टे पैसे देने का आग्रह किया। जब ग्राहक ने असमर्थता जतायी, तो दुकानदार ने सामान वापस ले लिया।
मंदिरों व मदिरालयों में पहुँच रहे नोट
जिनके पास 2,000 के नोट अधिक हैं, वो गुप्त दान करने में जुटे हैं। कुछ मंदिरों के दान पात्रों में 2,000 रुपये के नोट मिलने से यह स्पष्ट हो गया है कि लोग अब इस बड़े नोट को दानस्वरूप मंदिर में गुप्त रूप से डालकर चले जा रहे हैं। वहीं मदिरा की सरकारी एवं निजी दुकानों पर लोग 2,000 के नोट लेकर पहुँच रहे हैं। हालाँकि मंदिरों तक पहुँचने वाले 2,000 के नोटों की संख्या अधिक नहीं है, मगर बड़े मंदिरों में हर दिन 2-4 नोट 2,000 के आ ही जाते हैं।
कई जगह नोट बदलने की कोशिश
जिन लोगों के पास 2,000 के अधिक नोट हैं, वो बड़ी चतुराई से शीघ्र ही अपने सिर से 2,000 के नोटों को हटाकर सरकार अथवा जो भी ले सके, उसके मत्थे मढऩे के प्रयास में लगे हैं। कई ग्राहकों के बारे में सूचना है कि वो एक ही दिन में कई बैंक शाखाओं में जाकर नोट बदलने का प्रयास कर रहे हैं। कुछ लोग 100-50 रुपये के सामान के लिए 2,000 का नोट लेकर चलते हैं। जब एक नोट का छुट्टा हो जाता है, तो वो फिर 100-50 के सामान के लिए दूसरी जगह 2,000 का नोट लेकर पहुँच जाते हैं। अधिक नोट एक साथ नहीं बदले जाने के चलते लोग एक नहीं कई जगह जाकर नोट बदलने का प्रयास कर रहे हैं।
समझें आरबीआई के नियम
जिन ग्राहकों को 2,000 के नोट बदलने अथवा जमा करने में समस्या आ रही है, वो बैंककर्मियों को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के निर्देशों से अवगत कराएँ। इतने पर भी बैंककर्मी नोट लेने से मना करता है, तो उसकी शिकायत शाखा प्रबंधक अथवा मुख्य शाखा प्रबंधक से करें। उत्तर प्रदेश के हर जनपद में नोट बदलने के लिए ग्राहक जा सकते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों के अनुसार, ग्राहक 2,000 का नोट बदलने किसी भी बैंक में जा सकते हैं। इसके लिए बैंक अकाउंट होना आवश्यक नहीं है। कोई फार्म भरने की भी आवश्यकता नहीं है। नोट जमा करने की कोई सीमा नहीं है, बदलने के लिए एक दिन में 20,000 रुपये की सीमा निर्धारित है। 30 सितंबर, 2023 तक नोट जमा किये जा सकते हैं; इसलिए आपाधापी / हड़बड़ी की आवश्यकता नहीं है।