बॉम्बे हाईकोर्ट से अभिनेत्री कंगना रनौत को राहत जरूरत मिल गई है, पर मामला ठंडा होता दिख नहीं रहा है। बीएमसी को मामले में कोर्ट ने फटकार भी लगाई है और कंगना के बंगले को तोड़ने के एवज में उसका हर्जाना देने के लिए चार महीने का वक्त दिया है। इस दौरान तय किया जाएगा कि कितना हर्जाना बनता है। बता दें कि कंगना ने दो करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा है। इस बीच, महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि हाईकोर्ट का जो फैसला आया है, वह बीएमसी का मुद्दा था, राज्य सरकार का उससे लेना-देना नहीं।
शिवसेना अब भी कम से कम बयानबाजी के मामले में पीछे नहीं हटना चाहती है। बीएमसी की मेयर किशोरी पेडनेकर ने कंगना के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग किया है। मेयर ने कहा है कि सभी लोग चकित हैं कि एक अभिनेत्री जो हिमाचल में रहती है, यहां आती है और हमारे मुंबई को पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर यानी पीओके बताती है। ऐसे दो टके के लोग अदालत को राजनीति का अखाड़ा बनाना चाहते हैं। यह सही नहीं है।
मेयर ने एक बार फिर कहा कि कंगना का बंगला तोड़ने की कार्रवाई नियमों के अनुसार ही की गई थी। हाईकोर्ट के फैसले के बारे में उन्होंने कहा कि जल्द ही बीएमसी की कानूनी टीम बैठकर अगले कदम के बारे में फैसला लेगी।
मेयर के बयान पर कंगना ने सोशल मीडिया के जरिये जवाब दिया। उन्होंने लिखा- पिछले कुछ महीनों में मैंने महाराष्ट्र सरकार की तरफ से इतने लीगल केस, गालियां, बेइज्जती और बदनामी झेली है कि बॉलीवुड माफिया, आदित्य पंचोली और ऋतिक रोशन जैसे लोग अब भले इंसान लगने लगे हैं। न जाने मुझमें ऐसा क्या है, जो लोगों को इस कदर परेशान करता है।