देश में बढ़ती महंगाई का विरोध कर रही है कांग्रेस किंतु बसपा-सपा है खामोश

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, बसपा और सपा को मिली करारी हार के बाद भी कांग्रेस के अलावा कोई भी राजनीतिक दल देश में बढ़ती महंगाई, पेट्रोल-डीजल के दामों में हो रही बढ़ोत्तरी को लेकर कोई विरोध प्रदर्शन तक नहीं कर रहा है। वजह साफ है। सपा और बसपा उत्तर प्रदेश के अलावा किसी अन्य राज्य में जनाधार वाली पार्टी नहीं है। सो बसपा और सपा मानती है। क्यों अपने कार्यकर्ताओं को परेशान किया जाये और उग्र विरोध प्रदर्शन को लेकर सत्ताधारी पार्टी उन पर मुकदमें दर्ज कर सकती है।
उत्तर प्रदेश के सपा नेता ने नाम न छापने पर बताया कि ज्यादातर जो सपा के कद्दावर नेता है। वे अब भाजपा को ज्वाइन करना चाहते है। तो कुछ आने वाले लोकसभा चुनाव में लड़ना चाहते है। इसी तरह बसपा का मानना है कि यदि सत्ताधारी पार्टी की हर बात का विरोध करेंगे तो राजनीतिक विरोध ज्यादा होगा। इसलिये बड़े मुद्दे पर बोलेगें।
तो वहीं दूसरी तरफ बसपा के ज्यादातर नेता उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक से संपर्क बनाये हुए है। बृजेश पाठक का नाम एक समय पर बसपा के बड़े नेताओं में शुमार था। सो उनसे बसपा के नेताओं का पुराना नाता है। इसलिये बसपा के ज्यादातर नेता भाजपा की किसी भी तरह की राजनीति की आलोचना करने से बच रहे है। 
मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश की राजनीति में विरोध की राजनीति कम होे रही है। साथ ही भाजपा को ज्वाइन करने की नेताओं में होड़ सी मची हुई है। सियासतदानों का कहना है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा फिर से वापस हो सकती है। सो कुछ नेताओं को छोड़कर अधिकतर नेता मौके की राजनीति कर रहे है।