कोरोना से देश में मरने वालों की संख्या ४७ पहुंच गयी है। दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के मरकज (केंद्र) में घोर लापरवाही का मामला सामने आने के बाद उसपर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। देश में लॉक डाउन के बावजूद वहां सात देशों के करीब पांच सौ जमाती छिपे बैठे थे। वहां पकड़े गए २०० जमातियों में से २४ को कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई थी। यहाँ से काफी लोग दूसरी जगह गए हैं।
अभी तक की जानकारी के मुताबिक मरकज में १४-१५ मार्च के बाद से विदेशी जमातियों की भीड़ जुटने लगी थी जबकि वहां १६ मार्च से तीन दिन का तब्लीगियों का सम्मेलन हुआ जिसमें देश भर से तब्लीगी और इस्लामी विद्वान और जानकार जुटे थे। माना जा रहा है कि यह संख्या हजारों में थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक जब २४ मार्च की रात को देशव्यापी लॉकडाउन के वक्त मरकज में चीन, यमन, बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान, सऊदी अरब और इंग्लैंड के करीब १५०० जमाती मौजूद थे।
जानकारी के बाद लॉकडाउन के बाद समूह बनाकर ये तमाम विदेशी वहां से समूहों में निकल लिए। बाद में जब कुछ लोगों बीमार होने की खबर सामने आई तो स्वास्थ्य विभाग और पुलिस ने साझा अभियान चलाकर रविवार को तड़के साढ़े तीन बजे वहां छापा मारा। उस समय वहां करीब ५०० जमाती मौजूद थे, जिनमें से २०० के करीब पकड़ लिए गए जबकि बाकी भाग गए।
दिलचस्प यह है कि अभी तक मरकज के खिलाफ कोइ कार्रवाई नहीं की गयी है।
पकड़े गए २०० जमातियों को कोरोना संदिग्ध मानकर सोमवार को दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। पकड़े गए २०० जमातियों में से २४ को कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई थी। यह संख्या बढ़ सकती है।
इस मामले में दिल्ली सरकार ने पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। हालांकि, अभी तक कोइ कार्रवाई नहीं हुई है।
भारत में अब कोरोना से मरने वालों की संख्या ४७ हो गयी है जबकि १२१३ लोग संक्रमण से ग्रसित हैं। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा १० और गुजरात में ६ जबकि पश्चिम बंगाल में ४ लोगों की मौत हुई है।