प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश भर में २१ दिन के लॉक डाउन का ऐलान कर दिया है। इस तरफ २१ दिन तक लोग अपने घरों से बाहर नहीं जा पाएंगे। पीएम ने कहा यह एक लक्ष्मण रेखा है जो देश के किसी भी नागरिक को नहीं लांघनी है।
उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जो जहां हैं, वहीं रहें। पीएम ने कहा – ”यह लॉकडाउन आपके भविष्य के लिए बेहद जरूरी है। किसी भी कीमत पर घर के बाहर नहीं आएं।” कहा कि २२ मार्च को ‘जनता कर्फ्यू’ का संकल्प जो हमने लिया था उसकी सिद्धी के लिए भारत के लोगों ने योगदान दिया।
मोदी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि संपूर्ण लॉकडाउन के दौरान जरूरी की सेवाएं जारी रहेंगी। जैसे अस्पताल, दूध, सब्जी और दवाई दुकान। उन्होंने लोगों से किसी भी कीमत पर घर के बाहर नहीं निकलने की सलाह दी।
पीएम ने कोरोना वायरस को लेकर राष्ट्र के नाम अपने दूसरे संबोधन में कहा कि तमाम तैयारियां और प्रयासों के बावजूद चुनौती बढ़ती जा रही है। सभी देशों के दो महीने के अध्ययन से निष्कर्ष निकल रहा है कि इस वैश्विक महामारी से प्रभावी मुकाबले के लिए एकमात्र विकल्प है सोशल डिस्टेंसिंग यानी एक दूसरे से दूर रहना। अपने घर में ही बंद रहना। कोरोना से बचने का इसके अलावा कोई रास्ता नहीं है। कोरोना को फैलने से रोकना है तो उसके संक्रमण के साइकल को तोड़ना होगा।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस गलतफहमी में हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग केवल मरीजों के लिए जरूरी है। यह सोचना सही नहीं है। पीएम ने कहा – ”सोशल डिस्टेंसिंग हर नागरिक और सदस्य केलिए है। प्रधानमंत्री के लिए भी है। कुछ लोगों की लापरवाही कुछ लोगों की गलत सोच आपको आपके बच्चों को आपके दोस्तों को आगे चलकर पूरे देश को बहुत बड़ी मुश्किल में झोंक देगी। अगर ऐसी लापरवाही जारी रही तो भारत को इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।”