देश आज स्वतंत्रता दिवस का जश्न मना रहा है। मुख्य कार्यक्रम दिल्ली में लाल किले पर हुआ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार की उपलब्धियों से लेकर सुरक्षा तक के मुद्दों का अपने भाषण में जिक्र किया। पीएम ने भाषण की शुरुआत क्रांतिकारी महर्षि अरविंद घोष की जयंती पर उनको याद करके की। उन्होंने लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया।
सीमा पर तनाव को लेकर बिना किसी देश का नाम लिए मोदी ने कहा कि एलओसी से लेकर एलएसी तक, देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आंख उठाई है, देश ने, देश की सेना ने उसको उसी भाषा में जवाब दिया है। भारत की संप्रभुता का सम्मान हमारे लिए सर्वोच्च है। इस संकल्प के लिए हमारे वीर जवान क्या कर सकते हैं, देश क्या कर सकता है, ये लद्दाख में दुनिया ने देखा है।
पीएम ने कहा कि भारत के उज्जवल भविष्य को कोरोना ने रोका हुआ है। मोदी ने कहा – ‘कोरोना योद्धाओं ने सेवा परमो धर्म: मंत्र को जीत कर दिखाया है, उन्हें मैं नमन करता हूं। अपने जीवन की परवाह किए बिना हमारे डॉक्टर्स, नर्सें, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस कर्मी, सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी, सेवाकर्मी, अनेकों लोग, चौबीसों घंटे लगातार काम कर रहे हैं।’
मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ के साथ ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ का दिया नारा दिया। कहा कौन सोच सकता था कि कभी देश में गरीबों के जनधन खातों में हजारों-लाखों करोड़ रुपए सीधे ट्रांसफर हो पाएंगे? कौन सोच सकता था कि किसानों की भलाई के लिए एपीएमसी एक्ट में इतने बड़े बदलाव हो जाएंगे। देश में लाखों चुनौती हैं तो करोड़ों समाधान भी हैं। कोरोना काल में दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत का रुख कर रही हैं। भारत में सुधारों के दौर को दुनिया देख रही है। एफडीआई में देश ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
उन्होंने कहा – ‘हमारे यहां कहा गया है कि सामर्थ्य्मूलं स्वातन्त्र्यं, श्रममूलं च वैभवम्। किसी समाज, किसी भी राष्ट्र की आजादी का स्रोत उसका सामर्थ्य होता है, और उसके वैभव का, उन्नति-प्रगति का स्रोत उसकी श्रम शक्ति होती है। वन नेशन, वन राशन, वन टैक्स देश की सच्चाई बनी है।
पीएम ने कहा कि अगले साल हम अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर जाएंगे। एक बहुत बड़ा पर्व हमारे सामने है। कोरोना महामारी के बीच 130 करोड़ भारतीयों ने आत्मनिर्भर भारत बनाने का संकल्प लिया है। हमें पूरा भरोसा है कि भारत इस सपने को चरितार्थ करके रहेगा। मुझे अपने देश के सामर्थ्य पर विश्वास है।
मोदी ने कहा कि आज ‘आत्मनिर्भर भारत’ शब्द मंत्र बन गया है। स्किल डेवलपमेंट से भारत आत्मनिर्भर बनेगा। आत्मनिर्भर भारत का सपना जरूर पूरा होगा। अब देश में एन-95 मास्क बन रहा है, देश में वेंटिलेटर भी बन रहा है।
कृषि की बात करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में देश आत्मनिर्भर बना है। देश ने आत्मनिर्भरता का संकल्प लिया है। आत्मनिर्भर भारत का मतलब सिर्फ आयात कम करना ही नहीं, हमारी क्षमता, हमारी क्रिएटिविटी, हमारी स्किल्स को बढ़ाना भी है।
युवाओं का कौशल बढ़ाना है। देश में बने सामान की दुनिया में वाहवाही करानी है।
आजाद भारत की मानसिकता ‘वोकल फॉर लोकल’ होना चाहिए। देशवासियों को ‘वोकल फॉर लोकल’ बनाने का संकल्प लेना होगा।
उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की अहम प्राथमिकता- आत्मनिर्भर कृषि और आत्मनिर्भर किसान हैं। किसानों को सभी बंधनों से मुक्त करना होगा। अन्नदाता की आमदनी दोगुनी करनी है। किसान अपनी शर्तों पर अनाज बेच सकते हैं। सात करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त गैस सिलेंडर दिए गए, राशनकार्ड हो या न हो, 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त अन्न की व्यवस्था की गई, बैंक खातों में करीब-करीब 90 हजार करोड़ रुपए सीधे ट्रांसफर किए गए। कुछ वर्ष पहले तक ये सब कल्पना भी नहीं की जा सकती थी कि दिल्ली से पैसा निकलेगा और गरीब के हाथ में सीधे पैसा पहुंच जाएगा।
मोदी ने कहा तीन तलाक से मुस्लिम महिलाओं को आजादी मिली। सरकारी योजनाओं से महिलाओं को लाभ मिला। अब युद्ध क्षेत्र में महिलाओं की भी तैनाती की जा रही है। हमारा अनुभव कहता है कि भारत में महिलाशक्ति को जब भी अवसर मिले, उन्होंने देश का नाम रोशन किया, देश को मजबूती दी है।
कोरोना पर कहा – ‘जब कोरोना शुरू हुआ था तब हमारे देश में कोरोना टेस्टिंग के लिए सिर्फ एक लैब थी। आज देश में 1,400 से ज्यादा लैब हैं। आज से ‘नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन’ का शुभारंभ किया जा रहा है। यह मिशन, भारत के हेल्थ सेक्टर में नई क्रांति लेकर आएगा। हर भारतीय को हेल्थ आईडी दी जाएगी। आईडी में हर बीमारी, हर जांच की जानकारी होगी। इससे अस्पताल में पर्ची बनाने समेत सभी परेशानी खत्म।’ पीएम ने कहा कि भारत में तीन-तीन कोरोना वैक्सीन पर काम हो रहा है। हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचाने की रूप-रेखा तैयार है।
उन्होंने कहा कि ये एक साल जम्मू कश्मीर की एक नई विकास यात्रा का साल है। ये एक साल जम्मू कश्मीर में महिलाओं, दलितों को मिले अधिकारों का साल है। ये जम्मू कश्मीर में शरणार्थियों के गरिमापूर्ण जीवन का भी एक साल है। लोकतंत्र की सच्ची ताकत स्थानीय इकाइयों में है। हम सभी के लिए गर्व की बात है कि जम्मू-कश्मीर में स्थानीय इकाइयों के जनप्रतिनिधि सक्रियता और संवेदनशीलता के साथ विकास के नए युग को आगे बढ़ा रहे हैं।
बीते वर्ष लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाकर, वहां के लोगों की बरसों पुरानी मांग को पूरा किया गया है। हिमालय की ऊंचाइयों में बसा लद्दाख आज विकास की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए आगे बढ़ रहा है।
पड़ौस की बात करते हुए कहा – ‘हमारे पड़ोसी देशों के साथ, चाहे वो हमसे जमीन से जुड़े हों या समंदर से, अपने संबंधों को हम सुरक्षा, विकास और विश्वास की साझेदारी के साथ जोड़ रहे हैं। आज पड़ोसी सिर्फ वो ही नहीं हैं जिनसे हमारी भौगोलिक सीमाएं मिलती हैं बल्कि वे भी हैं जिनसे हमारे दिल मिलते हैं।’