कोरोना वैक्सीन की तरफ एक बड़े कदम के रूप में शनिवार (आज) देश के 116 जिलों में 259 जगह कोविड-19 की तैराइयों का आकलन के लिए ड्राई रन का आयोजन शुरू हो चुका है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने आज दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में ड्राई रन का जायजा लिया। ये ड्राई रन कम से कम 3 सेशन साइटों में सभी राज्य की राजधानियों में आयोजित करने का प्रस्ताव हुआ है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन ठीक उसी पैटर्न पर किया जा रहा है, जिस पर वैक्सीन आने पर टीकाकारण की योजना तैयार की गयी है। बता दें ड्राई रन में वैक्सीन नहीं दी जाएगी बल्कि जनता का डेटा लिया जा रहा है और उसे coWin App पर अपलोड किया जा रहा है। माइक्रो प्लानिंग, सेशन साइट मैनेजमेंट और ऑनलाइन डेटा सिक्योर करने जैसी कई चीजों का परीक्षण किया जा रहा है।
आज स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि ड्राई रन में लोगों के वो सुझाव शामिल किए जा रहे हैं, जो उनकी तरफ से सरकार को मिले हैं। हर्षवर्धन ने कहा – ‘पिछले साल के आखिर में हमने ड्राई रन किया था। उस समय जो सुझाव लोगों ने दिए थे, उन्हें इस बार शामिल किया गया है। हम लोग इसके लिए पिछले चार महीनों से तैयारी कर रहे हैं। जनता ने इतना धैर्य रखा है, बस थोड़ा और इंतजार कर लें।’
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि देश के लोगों को अपील है कि वो किसी भी अफवाह में न जाएं। ‘भारत रकार देश के लोगों को कोविड-19 से सुरक्षित रखना चाहती है, वैक्सीन का विकास उसी प्रक्रिया का हिस्सा है।’
याद रहे तीन वैक्सीन कंपनियों ने इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन के लिए अनुमति मांगी थी जिनमें फाइजर, भारत बायोटेक इंटरनेशनल लि. और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया हैं। अब सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिश के आधार पर डीसीजीआई इस बाबत फैसला करेंगे।
बता दें आज देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 116 जिलों में 259 जगह ‘ड्राई रन’ का आयोजन चल रहा है। कुछ राज्यों में ऐसे जिले भी शामिल हैं जो दूर दराज हैं। ड्राई रन पिछले साल 20 दिसंबर को मंत्रालय की ऑपरेशनल गाइडलाइन के मुताबिक हो रहा है।
यह भी बता दें पहली जनवरी को सीडीएससीओ के विशेषज्ञ पैनल ने ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंज़ूरी देने की सिफारिश की है। कमेटी के इस फैसले से भारत को कोरोना महामारी के खिलाफ अपनी पहली वैक्सीन मिलने का रास्ता लगभग तया माना जा रहा है। कोविशील्ड वैक्सीन का निर्माण भारत की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कर रही है।