प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि देश की अखंडता और एकता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। मोदी ने कहा कि प्रशासन की जो व्यवस्थाएं हैं उसके केंद्र में देश की एकता को मजबूत करने के मंत्र को हमें आगे बढ़ाना चाहिए।
सिविल सेवा दिवस पर प्रधानमंत्री ने राष्ट्र्र पहले (नेशन फर्स्ट) की बात दोहराते हुए कहा – ‘हमारे हर काम में एक कसौटी होनी चाहिए। इंडिया फर्स्ट, नेशन फर्स्ट, मेरा राष्ट्र सर्वोपरि। हमारा देश राज्य व्यवस्थाओं से नहीं बना है। हमारा देश राज सिंहासन की बपौती नहीं रहा है न राज सिंहासन से यह देश बना है।’
पीएम ने कहा कि हम देश की अखंडता और एकता से कोई समझौता नहीं कर सकते हैं। मोदी ने कि देश में सदियों से जन सामान्य के सामर्थ्य को लेकर चलने की परंपरा रही है। लोकतंत्र में शासन व्यवस्थाएं विभिन्न राजनीतिक विचारधाराओं से प्रेरित हो सकती हैं लेकिन लोकतंत्र में यह भी जरूरी है कि प्रशासन की जो व्यवस्थाएं हैं उसके केंद्र में देश की एकता को मजबूत करने के मंत्र को हमें आगे बढ़ाना चाहिए।’
मोदी ने कहा – ‘हम नियमों और कानूनों के बंधन में जकड़ जाते हैं। कहीं ऐसा करके हम तैयार हुई युवा पीढ़ी को या उसके साहस और सामर्थ्य को हमारे इन नियमों के जंजाल में जकड़ तो नहीं रहे न? क्या हम उसके सामर्थ्य को प्रभावित तो नहीं कर रहे न? अगर यह कर रहे हैं तो मैं शायद समय के साथ चलने का सामर्थ्य खो चुका हूं।’