सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में दूरदराज के इलाकों में काम करने वाले डॉक्टरों को पीजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए विशेष आरक्षण देने को मंजूरी दे दी। जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने फैसले में कहा कि राज्यों के पास आरक्षण संबंधी विशेष प्रावधान बनाने के लिए विधायी अधिकार है।
संविधान पीठ ने कहा, भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) का नियम मनमाना व असंवैधानिक है। एमसीआई संवैधानिक संस्था है और आरक्षण संबंधी प्रावधान बनाने का उसे कोई अधिकार नहीं है, जबकि राज्य सरकार संविधान और राज्य सूची के तहत ऐसा करने को अधिकृत है। ऐसे में एमसीआई राज्यों की ओर से तय आरक्षण पर पाबंदी नहीं लगा सकती है।
शीर्ष अदालत ने कहा, अगर कोई प्रदेश ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में सेवा करने वाले डॉक्टरों के लिए आरक्षण तय करते हैं, तो वह विधायी अधिकार है। पीठ ने यह फैसला तमिलनाडु मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन तथा अन्य की याचिका पर दिया।