पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के पोते सांसद दुष्यंत चौटाला ने ‘जननायक जनता पार्टी’ के नाम से नई पार्टी का तो गठन कर दिया परन्तु उनके लिए राजनीति की यह डगर कोई आसान नहीं है। दुष्यंत के लिए इस डगर पर अब काँटे ही काँटे हैं, जिस पर चल कर उन्हें पार जाना है। दुष्यंत को मात्र नौ माह की अल्प अवधि में ही दो दो अग्निपरीक्षाओं से गुजऱना पड़ेगा। पहली परीक्षा है तीन माह बाद होने वाले लोकसभा चुनाव और दूसरी अक्तूबर 2019 में होने वाले हरियाणा विधानसभा के चुनाव। इन दोनों चुनावों के नतीजे ही दुष्यंत का राजनीतिक भविष्य तय करेंगे।
बांगर की ऐतिहासिक धरती से दुष्यंत ने नौ दिसंबर को नई पार्टी की घोषणा के साथ ही अपनी राजनीतिक जंग का ऐलान कर दिया। सुनियोजित रणनीति के तहत दुष्यंत और उसके छोटे भाई दिग्विजय की जुगलबंदी ने यहां ‘जननायक जनता पार्टी’ के मेगा शो का आगाज़ किया। नई पार्टी के उद्घोष के दौरान दोनों भाइयों के पिता अजय चौटाला (एक विशेष सीबीआई अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री तथा इनेलो अध्यक्ष ओम प्रकाश चौटाला, उनके बेटे अजय चौटला को शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में दस साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी, बाप-बेटा दिल्ली की तिहाड़ जेल में 10 वर्ष की सजा काट रहे हैं) उनके साथ नहीं थे, लेकिन मां नैना चौटाला ने दोनों बेटों को मंच से आशीर्वाद देकर यह साफ कर दिया है कि वह चाहे विधायक इनेलो से हैं, परन्तु राजनीति का जो रास्ता उनके बेटों ने चुना है, वह उसमें उनके साथ हैं।
पार्टी के झंडे पर चौधरी देवीलाल की फोटो लगाई गई है और इसका रंग हरा व पीला रखा गया है। झंडा 70 फीसदी हरा और 30 फीसदी पीला रहेगा। दुष्यंत ने कहा कि हरा रंग सुरक्षा, शांति, उन्नति व भाईचारे का प्रतीक है और पीला रंग ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रतीक। रैली में सभी वक्ताओं ने चौधरी देवीलाल पर खास फोकस रखा। देवीलाल को प्रदेश की राजनीति में जननायक कहा जाता है इसीलिए दुष्यंत ने पार्टी में जननायक शब्द को लिया है। परन्तु रैली में दादा ओम प्रकाश चौटाला के चित्र कहीं दिखाई नहीं दिए। मंच पर लगे होर्डिंग और बैनरों में भी ओम प्रकाश चौटाला का नाम नहीं था। यहां तक कि दुष्यंत के अलावा मंच से किसी ने ओम प्रकाश चौटाला का नाम भी नहीं लिया। पार्टी झंडे पर ओपी चौटाला की फोटो न होने पर दुष्यंत ने कहा कि वह हमारे घर के मुखिया हैं लेकिन आज वह विरोधी दल में हैं। यह उनकी कानूनी मजबूरी है कि वह उनकी फोटो न दें।
अपनी पहली रैली के दौरान दुष्यंत ने सधे शब्दों में राजनीतिक डगर का विजन पेश किया। उन्होंने कहा कि पार्टी चलेगी अब अजय के इशारों से और लोकलाज के नारों से। इस दौरान उन्होंने पार्टी का घोषणा पत्र भी पेश किया। ताऊ देवीलाल की शुरू की गई बुढ़ापा पेंशन का जि़क्र करते हुए दुष्यंत ने बुढ़ापा पेंशन की उम्र कम करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि 58 की उम्र में पुरुषों को और 55 की उम्र में महिलाओं को पेंशन दी जाएगी। हरियाणा से टीचर एलिजिबिलटी टेस्ट को खत्म करने का ऐलान कर उन्होंने जेबीटी पास कर भटक रहे युवाओं की भी नब्ज टटोली। किसानों-मज़दूरों की बात करते हुए दुष्यंत ने कहा कि नोटबंदी ने कामगार वर्ग की कमर तोड़ दी है। हमारी सरकार बनी तो किसानों का कजऱ् माफ होगा, किसानों के लिए ट्यूबवेल कनेक्शन खोलेंगे, फसल दस गुणा एमएसपी पर खरीदी जाएगी। हरियाणा में जननायक जनता पार्टी ताऊ देवीलाल के आदर्शों पर चलते हुए विकास की राजनीति करेगी। इस दिशा में चंडीगढ़ तक पहुंचने का रास्ता तय होगा।
पारिवारिक लड़ाई का जि़क्र करते हुए अपने चाचा अभय चौटाला पर तंज कसते हुए दुष्यंत ने कहा कि नदियां किसी के रोके नहीं रुकतीं। वह अपना रास्ता बना लेती हैं। लोग नहरों को रोककर नदियां रोकने का भ्रम पाल लेते हैं। उन्होंने यहाँ तक आरोप लगाए कि वह रैली में न पहुँचे सकें, इसलिए उनके खिलाफ साजि़श रची गई, परन्तु वह चक्रव्यूह को तोड़कर रैली स्थल पर पहुँचने में कामयाब हो गए।