सहसा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति किम जांग उन की सिंगापुर में मंगलवार 12 जून को हुई मुलाकात से एक इतिहास रच गया। धुर दक्षिण पूर्व एशिया में शांति के लिहाज से दो एटमी ताकतों का मिलना ज़रूरी था। इसके लिए ट्रंप ने जो पहल की उसका स्वागत होना ही चाहिए। दोनों देशों के अध्यक्षों के बीच तकरीबन पांच घंटे बातचीत हुई। यह दुनिया की बेहतरी की चिंता में हुई एक शुरूआत थी।
अपने पश्चिमी मित्र देशों को एक तरह से झिड़कते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सिंगापुर में किम से मुलाकात करके यह जता दिया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप राजनीति में अव्वल हैं। उत्तर कोरिया को झुकाने के बाद वे अब ईरान पर भी अमेरिकी हितों के अनुरूप और विश्व शांति पर ज़ोर देते हुए दबाव बनाए रखने में कामयाब होंगे। दोनों देशों में इस बात पर भी सहमति बनी कि एक दूसरे देश के युद्धबंदियों की जल्द रिहाई की जाए।
इस बात पर ज़रूर यह चिंता रही कि बातचीत के इस दौर में अमेरिका ने जहां उत्तर कोरिया को तवज्जुह दी वहीं दक्षिण कोरिया से संपर्क नहीं रखा। एक दिन चली बातचीत में इस बात पर सहमति बनी कि अमेरिका अब दक्षिण कोरियाई सेना के साथ अपना सैनिक अभ्यास रोक देगा। हालांकि संयुक्त युद्ध अभ्यास रोकने से दक्षिण कोरिया में खासी निराशा हुई है।
उत्तर कोरिया ने कहा कि अपने एटमी मिसाइलों के प्रक्षेपण के सारे कार्यक्रम उसने पहले ही रद्द कर दिए हंै। और तेजी से वह उन तमाम अड्डों को भी नष्ट कर देगा जहां से ये प्रक्षेपित होते हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि उत्तर कोरिया पर लगाई गई आर्थिक पाबंदियां जारी रहेंगी जब तक उत्तर कोरिया अपनी सारी मिसाइल नष्ट नहीं कर देता।
किम से हुई बातचीत से उत्साहित ट्रंप ने कहा कि हमें खुशी है कि उत्तर कोरिया से हमारे पूरे संबंध ही नई तरह से बन रहे हैं और पहले की तुलना में कोरिया के प्रायद्वीप में खासी अलग तस्वीर होगी।
जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या वाकई किम इस बात पर राजी हुए हैं कि वे एटमी हथियारों का अपना जखीरा नष्ट कर देंगे। तो ट्रंप ने उस पर कहा कि वह सिलसिला शुरू हो रहा है। जल्दी, बहुत जल्दी।
ट्रंप और किम में बातचीत चली तो पांच घंटे लेकिन दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने मानवाधिकारों के हनन पर ज़्यादा बातचीत नहीं की। अनुमान है कि आने वाले दिनों में अमेरिका फिर से इस संबंध में उत्तर कोरिया बातचीत करे।
दोनों देशों ने अपने संयुक्त बयान में कहा कि बातचीत का दौर अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और उत्तर कोरियाई अधिकारियों के बीच चलता रहेगा। मुलाकात की अगली तारीख की घोषणा जल्दी ही होगी जिससे पूरे प्रायद्वीप में शांति का आलम रहे।
ट्रंप ने इस मुलाकात पर अपनी खुशी जताई। किम के कंधों पर उन्होंने अपना हाथ रखा और कहा, मेरे लिए यह खासी महत्वपूर्ण बातचीत है। हमारे बीच संबंध और भी प्रगाढ़ होंगे। उधर किम ने उन्हें धन्यवाद देते हुए कहा कि बातचीत की मेज़ पर दोनों देशों का आ पाना आसान नहीं था। पुरानी सोच, पुरानी मान्यताएं और पुराने रीति-रिवाज हमारे संबंधों को उस तरह पनपने नहीं दे रहे थे जिस तरह उन्हें पनपना था। लेकिन हमने तमाम बाधाओं पर कामयाबी पा ली है।
तहलका ब्यूरो