वर्तमान चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया दीपक मिश्रा के शेष 19 कार्य दिवसों में सुप्रीम कोर्ट कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर फैसला दे सकता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक़ इन मुद्दों में आधार, अयोध्या का टाइटिल सूट, सबरीमाला मंदिर में मासिक धर्म वाली महिलाओं के प्रवेश, ‘भेदभावपूर्ण’ व्यस्क कानून और एससी/एसटी के लिए प्रमोशन में आरक्षण शामिल हैं।
इसके अलावा एक महत्वपूर्ण केस है, जिसमें ये तय किया जाना है कि आपराधिक मुकदमों का सामना कर रहे राजनीतिज्ञों के मुकदमे के किस स्टेज पर उन्हें चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहराया जाएगा।
ये सभी महत्वपूर्ण मुद्दे उन संविधान पीठ के पास हैं जिनकी अगुवाई जस्टिस दीपक मिश्रा कर रहे हैं।
बता दें कि जस्टिस दीपक शर्मा महात्मा गांधी की जयंती दो अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं।
उनकी जगह रंजन गोगोई अलगे सीजेआई बनेंगे. रंजन गोगोई उन चार जजों में शामिल हैं, जिन्होंने कुछ महीने पहले प्रेस कॉन्फ्रैंस करके सुप्रीम कोर्ट के कामकाज पर गंभीर सवाल उठाए थे।
जस्टिस दीपक शर्मा के कार्यकाल के शेष दिनों में महिलाओं के सबरीमाला मंदिर में प्रवेश, दाऊदी-बोहरा मुस्लिम समुदाय की महिलाओं के खतने का मुद्दा और हिंदू से शादी करने पर पारसी महिलाओं के अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल न होने की परंपरा जैसे मुद्दों में सुनवाई पूरी हो सकती है।
अयोध्या मामले में इस बात पर फैसला होगा है कि 2010 के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई तीन जजों की पीठ करेगी, या कोई बड़ी पीठ इस महत्वपुर्ण केस को देखेगी।