दिल्ली हिंसा को लेकर सोमवार को बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले ही दिन लोकसभा में हंगामा होने से पहले ही अध्यक्ष ओम बिरला ने कार्यवाही को स्थगित कर दिया। उधर राज्यसभा में इस मसले पर जमकर हंगामा हुआ और सभापति वेंकैया नायुडु ने कार्यवाही को दोपहर २ बजे तक स्थगित कर दिया।
राज्य सभा में कांग्रेस के गुलाम नबी आज़ाद ने यह मामला उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार तीन दिन तीन रात सोती रही। उधर संसद से बाहर गांधी प्रतिमा के सामने राहुल गांधी समेत टीएमसी, आप सदस्यों ने धरना दिया और गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने हाथ में हिंसा विरोधी बैनाक ले रखे थे और आँखों पर काली पट्टियां बाँधी हुई थीं।
पहले दिन लोकसभा में कार्यवाही शुरू होते ही बिहार के जेडीयू सांसद बैद्यनाथ महतो के निधन पर शोक व्यक्त किया गया। जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई आप सदस्य भगवंत मान वेल की तरफ बढ़ते दिखे। उस समय कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी कुछ कहना शुरू किया। हंगामे के संकेत देखते ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने लोकसभा में दिल्ली हिंसा के मसले पर चर्चा की मांग के साथ स्थगन प्रस्ताव दिया था। राज्य सभा में भी दिल्ली हिंसा को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ। कांग्रेस के गुलाम नबी आज़ाद ने केंद्र पर दंगों के दौरान सोये रहने का आरोप लगाया।
उधर बाद में राज्य सभा में कांग्रेस सदस्य गुलाम नबी आज़ाद ने संसद के बाहर पत्रकारों कहा कि कहा कि दिल्ली में क़ानून व्यवस्था का जिम्मा केंद्र सरकार के पास है। तीन दिन तीन रात केंद्र सरकार सोई रही। न केंद्र का कोइ मंत्री वहां गया न किसी ने कोइ ब्यान दिया। पुलिस नहीं किया। जो मरे वो मरे वाली स्थिति बना दी। भड़कायू भाषण भी रूलिंग पार्टी के नेताओं ने ही दिए। उन्होंने आरोप लगाया कि ”इन सब दंगों के पीछे केन्द्र सरकार थी”।
उधर दिल्ली दंगों को लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सदस्यों ने आंखों पर पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया। सांसद काली पट्टी बांधकर विरोध जता रहे हैं। आम आदमी पार्टी ने ही दिल्ली दंगों के विरोध में संसद भवन में गांधी मूर्ति के सामने विरोध किया। इससे पहले पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने दिल्ली दंगों को लेकर सदन में नियम २६७ के तहत स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया।