दिल्ली विधानसभा के लिए चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। कुल ७० सीटों पर ८ फरवरी को मतदान होगा जबकि ११ फरवरी को नतीजे घोषित किये जायेंगे। चुनाव आचार संहिता भी आज से ही लागू हो गयी है और अब दिल्ली या केंद्र सरकार भी आम बजट में दिल्ली से जुड़ी घोषणा नहीं कर सकेंगी।
याद रहे पिछले २०१५ के विधानसभा चुनाव में आप को ७० में से ६७ और विपक्ष का सफाया हो गया था। तब तीन बार सत्ता में रह चुकी कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिल पाई थी जबकि भाजपा को ३ सीटें मिली थीं।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने आज चुनाव तारीखों का ऐलान करते हुए कहा कि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल २२ जनवरी को खत्म हो रहा है। दिल्ली में ५८ सामान्य और १२ आरक्षित सीटें हैं। कुल एक करोड़ ४६ लाख ९२ हजार १३६ वोटर अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे।
अरोड़ा ने कहा कि दिल्ली में २६८९ जगह वोटिंग होगी जबकि १३ हजार ७५७ पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे। चुनाव में ९० हजार कर्मचारियों की जरूरत होगी। वरिष्ठ नागरिकों के लिए चुनाव आयोग ने खास इंतजाम किए हैं। कहा कि २०१७ के बाद आयोग ने फैसला किया था कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए आम बजट में राज्य आधारित योजना की घोषणा नहीं की जा सकेगी। ऐसी कोई घोषणा नहीं की जा सकेगी जो उन मतदाताओं को प्रभावित कर सकती हो, जहां चुनाव होने जा रहे हैं।
यह फैसला ५ राज्यों उत्तर प्रदेश, गोवा, पंजाब, मणिपुर और उत्तराखंड में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान किया गया था। उस वक्त चुनाव प्रक्रिया जारी रहने के दौरान आम बजट पेश किया गया था। दिल्ली चुनाव के मद्देनजर भी आम बजट में न तो दिल्ली से संबंधित किसी योजना की घोषणा की जा सकेगी, न ही दिल्ली में हुए कार्यों को बजट में रेखांकित किया जा सकेगा।
उनके मुताबिक देश में एब्सेंटी वोटर्स की व्यवस्था पहली बार दिल्ली विधानसभा चुनाव से मिलने जा रही है। इसके तहत विकलांगों और ८० साल से ज्यादा उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के पास खुद पोलिंग बूथ जाकर वोट डालने के साथ-साथ बूथ न पहुंच पाने की स्थिति में पोस्टल बैलट के जरिए मतदान करने का भी विकल्प रहेगा। एब्सेंटी वोटर्स के लिए चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार को सिफारिशें भेजी थीं।
चुनाव की नोटिफिकेशन १४ जनवरी हो होगी, नामांकन की आखिरी तारीख २१ जनवरी, स्क्रूटनी २२ जनवरी, नाम वापसी आखिरी तारीख २४ जनवरी होगी जबकि
मतदान ८ फरवरी को होगा और नतीजे ११ फरवरी को घोषित होगा।