दिल्ली में जुलाई के आखिर तक कोविड-१९ से संक्रमित लोगों की संख्या ५.५० लाख हो सकती है। यह अनुमान दिल्ली सरकार ने जताया है। दिल्ली आपदा प्रबंधन अथॉरिटी की मंगलवार को हुई बैठक में केंद्र सरकार के अधिकारियों ने कहा दिल्ली में अभी कम्यूनिटी स्प्रेड की स्थिति नहीं है, लेकिन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने यह जरूर कहा है कि राजधानी में १२-१३ दिन के अंतराल में कोरोना के मामले दोगुने हो रहे हैं।
दिल्ली आपदा प्रबंधन अथॉरिटी की बैठक की अध्यक्षता उपराज्यपाल अनिल बैजल ने की। सिसोदिया ने बैठक के बाद बताया कि बैठक में एलजी ने दिल्ली में बाहर से आए लोगों के इलाज से जुड़े अपने फ़ैसले को पलटने से मना कर दिया, लिहाजा बहार के लोगों का इलाज भी दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में किया जाएगा।
सिसोदिया और उनके साथ उपस्थित दूसरे मंत्री सत्येंद्र जैन ने यह भी कहा कि बैठक में केंद्र सरकार के अधिकारियों ने कहा है कि दिल्ली में अभी कम्यूनिटी स्प्रेड की स्थिति नहीं है। सिसोदिया ने कहा – ”हम कह रहे हैं कि दिल्ली में स्प्रेड है, लेकिन कम्यूनिटी स्प्रेड को लेकर केंद्र सरकार ही फ़ैसला ले कि सकती है।
उन्होंने कि दिल्ली में निजी अस्पतालों में ५० फीसदी लोग बाहर से इलाज करवाने आते हैं और बड़े सरकारी अस्पतालों में ७० फीसदी लोग बाहर के होते हैं। कहा कि ३१ जुलाई तक सिर्फ़ दिल्ली वालों के लिए ८० हज़ार बिस्तरों की जरूरत र हेगी।
बाहर के लोगों के दिल्ली में इलाज के सरकार के फैसले को पलटने एलजी के आदेश पर सिसोदिया ने कहा कि बैठक में हमने एलजी से पूछा कि ”जब आपने सब के लिए इलाज खोला है तो आपने कुछ प्लान किया होगा, हालांकि एलजी ने कहा प्लान कोई नहीं किया है, देखते हैं क्या होता है”।
दिल्ली सरकार के कोविड-१९ मामलों को लेकर आकलन पर सिसोदिया ने कहा कि राजधानी में हर १२-१३ दिन में कोरोना केस दोगुने हो रहे हैं। कहा कि १५ जून तक दिल्ली में ४४,००० मामले होंगेऔर ६६०० बेड की ज़रूरत रहेगी। जबकि ३० जून तक दिल्ली में एक लाख मामले हो जाएंगे और १५,००० बेड की जरूरत पड़ेगी। यही नहीं १५ जुलाई तक सवा दो लाख मामले हो जाएंगे और ३३,००० बेड की जरूरत रहेगी जबकि जबकि ३१ जुलाई तक दिल्ली में संक्रमितों की संख्या ५.५ लाख हो सकती है और ८०,००० बिस्तरों की जरूरत सरकार को पड़ेगी।