दिल्ली सरकार ने राजधानी में निजी स्कूलों के फीस को लेकर अभिभावकों को भेजे जा रहे पत्रों पर सख्ती दिखाते हुए शुक्रवार को आदेश जारी किया कि बिना सरकार की मंजूरी के दिल्ली के स्कूल फीस नहीं बढ़ा पाएंगे। सरकार ने कहा कि स्कूल अभी सिर्फ एक माह की ”ट्यूशन फीस” ही ले पाएंगे और न ही कोइ स्कूल ऑनलाइन क्लासेज रोक सकता है। स्टाफ को भी समय पर सेलरी देनी जरूरी होगी।
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, जिनके पास शिक्षा मंत्रालय भी है ने कहा कि सरकार को शिकायतें मिली हैं कि कुछ स्कूल बढ़ी फीस के साथ अभिभावकों को पत्र भेज रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह भी जानकारी मिली है कि जिन अभिभावकों ने अभी फीस जमा नहीं की, उनके बच्चों की ऑनलाइन क्लासेज रोक दी गई हैं जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
सिसोदिया ने कहा – ”हम बताना चाहते हैं कि स्कूलों को ट्रस्ट चलाते हैं और उनका काम प्रॉफिट कमाना नहीं बल्कि सेवा करना है। अगर स्कूल फीस बढ़ा रहे हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। सरकार यह साफ़ कहना चाहती है चाहे सरकारी जमीन पर बने स्कूल हों या फिर निजी, किसी भी स्कूल को बगैर सरकार की मंजूरी के फीस बढ़ाने की अनुमति नहीं मिलेगी।”
शिक्षा मंत्री ने साफ़ कहा कि स्कूल अभी सिर्फ एक माह की फीस लेंगे और यह फीस भी सिर्फ ”ट्यूशन फीस” होगी। स्कूल कोई भी वार्षिक शुल्क, परिवहन शुल्क नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते अभी स्कूल की बसें नहीं चल रही हैं तो अभिभावकों से बसों का शुल्क भी नहीं लिया जाएगा।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कोइ इन आदेशों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ एजुकेशन एक्ट और महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई होगी। उन्होंने स्कूलों से कहा कि जिन बच्चों की ऑनलाइन क्लासेस बंद की गई हैं, स्कूल उसे तुरंत चालू करें।