पूर्वाचंल वोट को साधने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बनारस में कई जनसभायें कर चुके है। वहीं दिल्ली भाजपा पूर्वाचंल प्रकोष्ठ, दिल्ली में रहने वाले पूर्वाचंल मतदाताओं को रिझाने के लिये लगातार संपर्क अभियान चलाये हुये है।
भाजपा के पूर्वाचंल वोटों में सेंध लगाने के लिये दिल्ली में रह रहे उत्तर प्रदेश के लोगों को अपने पक्ष में लाने के लिये समाजवादी पार्टी भी लोगों के बीच तालमेल बैठा रही है। जिसके लिये उत्तर प्रदेश के नोएड़ा में रहने वाले समाजवादी कार्यकर्ता जनसभायें कर रहे है। दोनों राजनीति दलों में इस बात की होड़ मची हुई है, कि कैसे दिल्ली में रहने वाले लाखों लोगों को अपने पक्ष में लाया जाये जो उत्तर प्रदेश के चुनाव में अहम् भूमिका निभाते है।
बताते चलें, दिल्ली में जब भी विधान सभा चुनाव या दिल्ली नगर निगम के चुनाव होते तब दोनों ही चुनावों में उत्तर प्रदेश के नेता आकर अपने–अपने राजनीतिक दलों के लिये वोट मांगते रहे है। इस लिहाज से नेताओं की पकड जो दिल्ली में रहती है। भले वे वोटर प्रदेश के ही क्यों न हो।
भाजपा के नेताओं का कहना है कि उत्तर प्रदेश के जो भी लोग है उनका संपर्क भाजपा से है। क्योंकि दिल्ली में कभी भी समाजवादी पार्टी का अस्तित्व ही नहीं रहा है। इस लिहाज से दिल्ली में समाजवादी पार्टी को वोट मिल ही नहीं सकता है।
वहीं समाजवादी के नेता का कहना है कि 2007 से 2012 तक समाजवादी पार्टी की सरकार उत्तर प्रदेश में रही है। दिल्ली सटे नोएडा और गाजियाबाद के जो लोग दिल्ली में रहते या नौकरी करते है। उनका बड़ा हिस्सा समाजवादी पार्टी से ताल्लुक रखता है। इस लिहाज से समाजवादी पार्टी को वोट दिल्ली में रहता है।