हरियाणा-दिल्ली सीमा के सिंघु बार्डर पर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन में जुटे हजारों किसानों की आज 3 बजे सरकार से बातचीत होगी। दो दिन पहले ही मन की बात में पीएम मोदी साफ़ कर चुके हैं कि क़ानून किसी सूरत में वापस नहीं लिए जाएंगे। सरकार की तरफ से बातचीत करने वाली टीम की अगुवाई गृह मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे जबकि किसानों का प्रतिनिधित्व उनके 32 संगठनों और किसान संयुक्त मोर्चा के 36 नेता करेंगे। किसानों ने साफ़ कर दिया है कि आंदोलन तभी ख़त्म होगा जब उनकी मांगें मान ली जाएंगी।
सिंघु बार्डर, जहां किसान आंदोलन पर डटे हैं, उन्होंने वहां अपना अस्थाई स्टेज भी बना लिया है। ज्यादातर किसान संगठनों में मुद्दों को लेकर एक राय है। किसानों के 32 संगठनों के नेताओं के अलावा किसान संयुक्त मोर्चा के 4 प्रतिनिधि भी सरकार के साथ बैठक में हिस्सा लेंगे। यह बैठक दिल्ली में विज्ञान भवन में होगी। जबरदस्त ठंड के बावजूद किसान आंदोलन ख़त्म करने को तैयार नहीं हैं। उनके ज्यादातर प्रतिनिधि यह मान कर चल रहे हैं कि अभी नहीं तो कभी नहीं। उनका कहना है कि अपनी मांगों को मनवाने का यह सबसे बेहतर समय है क्योंकि केंद्र सरकार दबाव में है।
अब से कुछ देर पहले दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर उच्च स्तरीय बैठक शुरू हुई है जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी शामिल हैं। इसमें शाम को होने वाली बैठक को लेकर बातचीत का मसौदा तैयार किया जाएगा क्योंकि पीएम मोदी दो दिन पहले ही यह साफ़ कर चुके हैं कि 3 कृषि क़ानून किसी सूरत में वापस नहीं लिए जाएंगे।
सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के नेताओं को कोविड-19 महामारी और सर्दी का हवाला देते हुए 3 दिसंबर की जगह आज बातचीत का न्योता दिया है। कृषि कानून के खिलाफ जारी प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र सरकार ने किसानों से बातचीत का यह न्योता दिया है।
सरकार की तरफ से कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने 32 किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों को पत्र लिख कर आज की बैठक के लिए आमंत्रित किया है। अग्रवाल ने जिन संगठनों को पत्र लिखा है उनमें क्रांतिकारी किसान यूनियन, जम्मुहारी किसान सभा, भारतीाय किसान सभा (दकुदा), कुल हिंद किसान सभा और पंजाब किसान यूनियन शामिल हैं।
उधर दिल्ली की दो सीमाओं पर धरने पर बैठे किसानों का समर्थन करने के लिए पंजाब से और भी किसान दिल्ली के लिए निकल पड़े हैं। किसान संगठनों ने कहा कि अमृतसर क्षेत्र से और भी किसान जो कि गुरु पर्व के लिए रुक गए थे, वो आज आंदोलनस्थल पर पहुंच जाएंगे। प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली में प्रवेश के पांचों रास्ते ब्लॉक करने की धमकी दी हुई है।
किसानों का सिंघु और टीकरी बॉर्डर दोनों जगह शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन जारी है। वहां पंजाब और हरियाणा के किसान लगातार छठे दिन जमा हैं। पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से और किसानों के पहुंचने से गाजीपुर सीमा पर प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ गई है। आज की बैठक मैं किसानों की समस्या का हल निकल आएगा इसे लेकर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। किसानों की क़ानून वापस लेने की मांग ऐसी मांग है किसपर कभी सहमत नहीं होगी।