सुप्रीम कोर्ट ने स्टार पहलवानों की भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह द्वारा कथित यौन दुराचार के खिलाफ शुक्रवार को एक याचिका पर सुनवाई की है।
सुनवार्इ के दौरान दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि आज एफआईआर दर्ज की जाएगी। चीफ जस्टिस ने पुलिस को महिला पहलवानों को सुरक्षा प्रदान करने के भी निर्देश दिए है।
बृजभूषण शरण सिंह के ऊपर एक नाबालिग समेत सात महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न व धमकी देने के आरोप लगे है। और सुप्रीम कोर्ट बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान बृजभूषण शरण सिंह की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल एसजी मेहता ने कहा कि, “अब तो कुछ बचा ही नहीं।” वहीं पहलवानों की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने एक सीलबंद लिफाफा दिया। और कहा कि मैं एक विशेष टास्क फोर्स की मांग करता हूं। मुख्य आरोपी पर धारा 302 (हत्या के मामले) समेत 40 अन्य मामले दर्ज हैं। मैं याचिकाकर्ताओं की सुरक्षा को लेकर भी चिंतित हूं।“
वहीं सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि, “इसे पुलिस कमिश्नर पर छोड़ दें.. सभी चिंताओं का समाधान किया जा सकता हैं। कपिल सिब्बल ने कहा, इसकी निगरानी एक रिटायर्ड जज करें… ये वो लड़कियां हैं जो यहां देश के लिए खेली हैं। आपको मुझसे सहमत होना चाहिए।”