भले ही कांग्रेस आला कमान में, चिट्टी विवाद को लेकर मामला अभी शांत होता नहीं दिख रहा है , पर दिल्ली में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का जोश बढ रहा है उनका कहना है कि उनकी निष्ठा और आस्था सोनिय़ा गांधी और राहुल गांधी में है। बताते चले दिल्ली में 2022 में दिल्ली नगर निगम के चुनाव है। भाजपा का तीनों जोनों में कब्जा है। वहीं 2017 के दिल्ली नगर निगम के चुनाव में आप पार्टी भाजपा के बाद दूसरे नंबर पर थी। कांग्रेस के नेताओं का कहना है, कि केन्द्र में भाजपा और दिल्ली में आप पार्टी की मिली भगत से कोई भी ऐसा काम दिल्ली में नहीं हो रहा है, जिसकी जनता में सराहना हो रही है।
दिल्ली में कोरोना का कहर अब फिर से बढ रहा है और दिल्ली मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल बाजारों और साप्ताहिक बाजार को खुलवाने में लगे है। जिससे जनका भीड बढेगी और कोरोना का वायरस भी फैल सकता है।स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बुरा है। कांग्रेस के नेता अंबरीश रंजन का कहना है कि देश में जिस तरीके से लोगों को आर्थिक संकट का सामना करना पड रहा है और सरकार अपनी कमियों को छुपाने के लिय कोरोना महामारी का बहाना बना रही है । जिससे देश का हर नागरिक काफी परेशान है। दिल्ली में आप और भाजपा की खींचतान में जनता पिस रही है।
कांग्रेस नेताओं का कहना कि कांग्रेस ने कोरोना काल में लोगों की काफी मदद की है और कांग्रेस के प्रति जो लोगों का गुस्सा था वो भी काफी कम हुआ है । अब दिल्ली नगर निगम में आप और भाजपा का एक बिकल्प बन कर कांग्रेस उभरेगी। क्योंकि कोरोना महामारी में केजरीवाल की सांख को बट्टा लगा है । भले ही आप पार्टी अपनी बढाई करें पर धरातल पर कुछ और ही है।दिल्ली मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल धर्मनिरपेक्ष की बजाय हिन्दुत्व की राजनीति में ज्यादा फोकस कर रहे है।कांग्रेस के एक नेता का कहना है कि भाजपा के साथ-साथ आप पार्टी से इस बार कांग्रेस दिल्ली नगर के चुनाव में मुकाबला करेगी । जिससे कांग्रेस के चुनाव परिणाम चौकाने वाले होगे। दिल्ली कांग्रेस के नेता श्याम सुन्दर कद का कहना है कि भाजपा का तीनों जोनों में कब्जा है वहां के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है ।
स्थानीय समस्यायें जैसे सडकों और सीवरों का टूटा होना तमाम मोर्चों पर भाजपा दिल्ली में असफल है। जिसका विरोध कांग्रेस लगातार कर रही है, और जो विकास दिल्ली में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के शासन में हुआ है वैसा विकास अरविन्द केजरीवाल नहीं कर पा रहे है। उनका कहना है कि आप पार्टी और भाजपा की जन विरोधी नीतियों का वह पुरजोर विरोध कर रहे है। जो गलती दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020में कांग्रेस से हुई है अब वो 2022 के दिल्ली नगर निगम के चुनाव में ना होगी।