दिल्ली नगर निगम के चुनाव को लेकर भले ही अभी परिसीमन होना है लेकिन इतना तो तय है कि अब दिल्ली नगर निगम में 250 सीटों पर ही चुनाव होना है ।राजनीति के जानकारों का कहना है कि दिल्ली नगर निगम के चुनाव नवंबर -दिसंबर के बीच हो सकते है। तब तक दिल्ली की सियासत में नये -नये प्रयोग होगे।
ध्रुवीकरण का राजनीति के साथ बुलडोजर की राजनीति जोर पकड़ जायेगी। जिससे एक पार्टी को बड़ा लाभ हो सकता है। बताते चलें दिल्ली की सियासत में आप पार्टी , कांग्रेस और भाजपा के बीच मुकाबला चलता है।लेकिन ध्रुवीकरण और बुलडोजर वाली राजनीति में अलग तरह की राजनीति होगी।
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता ने बताया कि दिल्ली एक छोटा राज्य है कुछ शक्तियां और अधिकार राज्य सरकार के पास है तो कुछ केन्द्र सरकार के पास है। ऐसे में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की तरह राजनीति होगी तो निश्चित तौर पर दिल्ली की सियासत में बड़ा बदलाव हो सकता है। साथ ही बवाल भी हो सकता है।
क्योंकि एक दल को बुलडोजर और ध्रुवीकरण करने से लाभ है तो दूसरे दल को फ्री की राजनीति करने का लाभ है। ऐसे में दिल्ली में की सियासत में विकास की बात तो दूर की होगी। साथ दिल्ली में जातीय , ध्रुवीकरण और बुलडोजर की राजनीति हावी होगी।
खैर, दिल्ली नगर निगम के चुनाव को लेकर अब 15 अगस्त के बाद से राजनीति तेज हो सकती है। लोगों का कहना है कि तब तक दिल्ली में कोरोना सहित अन्य मुद्दो पर स्थिति स्पष्ट हो जायेगी।क्योंकि कोरोना को लेकर जो चर्चा है कि जून -जुलाई में कोरोना फिर से आ सकता है। बताते चलें सभी राजनीतिक दलों के संभावित प्रत्याशियों ने अभी से अपने क्षेत्र का सघन संपर्क अभियान तेज कर दिया है।