दिल्ली के बाजारों में आज उस समय एक भय का माहौल देखने को मिला जब अग्निवीर को लेकर ये अफवाह थी कि दिल्ली में अग्निवीर को लेकर बाजारों को बंद नहीं किया गया तो आंदोलन कारी विरोध प्रदर्शन हंगामे दार कर सकते है। दिल्ली के छोटे और बड़े व्यापारियों ने बताया कि किसी भी प्रतिष्ठित संगठन ने घोषित बाजार बंद का आह्वान नहीं किया है। लेकिन मौजूदा हिंसक और उग्र प्रदर्शन को देखते हुए बाजारों को बंद तो नहीं किया गया है लेकिन बाजारों को और अपनी दुकानों को पूरा तरह से खोला नहीं गया है।
सदर बाजार एसोसिएशन के पदाधिकारी का कहना है कि देश में माहौल दिन व दिन बिगड़ता जा रहा है। जिससे बाजार की हालत दिन व दिन पतली होती जा रही है। उनका कहना है कि कोरोना काल से जैसे -तैसे ऊभरे ही थे कि बाजारों पर सियासी खेल चलने लगा है। उन्होंने बताया कि भारत बंद को लेकर कुछ व्यापारी समर्थन कर रहे तो कुछ विरोध भी कर रहे है।
तहलका संवाददाता को गाजीपुर मंडी के व्यापारियों ने बताया कि बाजार पर भारत बंद के आह्वान का बुरा असर पड़ रहा है। आलम ये है कि उत्तर प्रदेश और दिल्ली बॉर्डर पर दर्जनों ट्रक और छोटे वाहन खड़े है। जिसमें सब्जी से लेकर अन्य बाजार में बिकने वाली वस्तु बाजार में नहीं आ पा रही है। व्यापारियों का कहना है कि अगर इस तरह का सिलसिला चलता रहा तो आने वाले दिनों में बाजार की हालत पूरी तरह से डगमगा सकती है। और आर्थिक हालत भी बिगड़ सकती है।कुल मिलाकर दिल्ली के बाजारों में आज सुबह से ही सन्नाटा पसरा हुआ है।