हर साल की भाँति इस साल भी अक्टूबर महीने में दिल्ली-एमसीआर में वायु प्रदूषण के बढ़ने से लोगों को
सांस लेने में दिक्कत होने लगी है। वहीं पराली के जलाये जाने की से भी प्रदूषण में बढ़ोत्तरी होने की संभावना भी
बढ़ रही है। आलम ये है कि आंखों में जलन और सांस लेने में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को परेशानी हो रही है।
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार दिल्ली की वायु गुणवत्ता शनिवार को खराब श्रेणी में दर्ज की गयी है।
लेकिन रविवार की सुबह हुई बारिश से वायु प्रदूषण में काफी सुधार होने की संभावना है। मौसम विभाग के
अधिकारी का कहना है कि वायु प्रदूषण को रोकने के लिये हमें व्यापक स्तर पर सुधार करना होगा जैसे धुएं छोड़ते
वाहनों पर रोक लगनी चाहिये। पराली को जलाये पर कानूनी रोक लगनी चाहिये । कड़ाई से नियमों का पालन
होना चाहिये। तब जाकर वायु प्रदूषण पर रोक ही संभव है। अन्यथा वायु प्रदूषण के चलते अक्टूबर से लेकर
दिसम्बर तक काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। जिसके चलते स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना भी
करना पड़ सकता है। इसलिये सरकार को चाहिये की निर्माण कार्य जो चल रहे है। उस पर तत्काल रोक लगें।
क्योंकि निर्माण कार्य के चलते उड़ने वाला धूल के कण से वायु प्रदूषण बढ़ता है।जो आवो –हवा को खराब करती है।