बंगाल विधानसभा चुनाव में टीएमसी से मिली करारी हार के बाद जिस तरह पार्टी के विधायक और सांसद धड़ाधड़ भाजपा को छोड़ रहे हैं उससे पार पाने का भाजपा को कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है। हालांकि, उसने इस भगदड़ के बीच संगठन में उलटफेर करते हुए प्रदेश अध्यक्ष पद से दिलीप घोष की छुट्टी कर दी है। उनकी जगह बलूरघाट से सांसद सुकांता मजूमदार को प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत किया गया है।
चार दिन पहले ही पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने भाजपा को अंगूठा दिखाते हुए टीएमसी का दामन थाम लिया था और पार्टी में शामिल होते ही भाजपा पर हमला करते हुए ममता बनर्जी की जमकर तारीफ़ कर दी थी। बंगाल विधानसभा चुनाव में हार के बाद से भाजपा में भगदड़ मची हुई है और नेता टीएमसी में ही भविष्य देखते हुए उसमें जाने को लालायित दिख रहे हैं।
मुकुल रॉय और बाबुल सुप्रियो समेत कई बड़े नेताओं के टीएमसी में जाने से भाजपा के सामने आने वाले समय में अपनी ज़मीन बचाए रखने का संकट पैदा होने जैसी स्थिति बन गयी है। पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने के बाद नाराजगी दूर करने के लिए दिलीप घोष को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर दिल्ली भेज दिया है। अब जबकि पार्टी को तीन सीटों भवानीपुर, समसेरगंज और जंगीपुर में उपचुनाव की सत्तारूढ़ टीएमसी से बड़ी चुनौती है, बड़े नेताओं के पार्टी छोड़कर जाने से भाजपा नेतृत्व परेशान है। इन उपचुनावों में सीएम ममता बनर्जी भी मैदान में हैं और भाजपा की उन्हें हारने की हसरत किसी भी सूरत में पूरी होती नहीं दिख रही।
चार महीने पहले भाजपा ने विधानसभा चुनाव में 77 सीटें जीती थीं लेकिन अब यह संख्या घटकर 71 रह गई है। सांसद भी कम होकर 17 रह गए हैं। बड़े नेताओं की बात करें तो बाबुल सुप्रियो से पहले मुकुल रॉय, तनमय घोष, बिस्वजीत दास और सौमन रॉय पार्टी को झटका देकर टीएमसी में जा चुके हैं।
नए अध्यक्ष सुकांता मजूमदार 2019 के लोकसभा चुनाव में बलूरघाट से पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए थे। वे इस समय सिक्किम में पार्टी प्रभारी और उत्तर बंगा क्षेत्र के सह-संयोजक हैं, हालांकि, अब यह पद वे छोड़ देंगे। तमाम चुनौतियों के बीच मजूमदार की राह उतनी आसान नहीं है। खासकर, पार्टी नेताओं को टीएमसी में जाने से रोकने की चुनौती को देखते हुए।