दशहरे के दिन अमृतसर में हुए रेल हादसे के मामले में पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को न्यायिक जांच में ”क्लीन चिट” मिल गयी है। याद रहे इस हादसे में ६१ लोगों की मौत हो गयी थी और इसे लेकर विपक्षी अकाली दल और अन्य की तरफ से सिद्धू दम्पति की इस आधार पर आलोचना की गयी थी दशहरे के कार्यक्रम में सिद्धू की पत्नी नवजोत मुख्य अतिथि थीं।
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए। अब इस जांच रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि इसमें सिद्धू दम्पति को क्लीन चिट दी गयी है।
रेल हादसे की करीब ३०० पेज की रिपोर्ट में कहा गया है कि मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू घटना के दिन अमृतसर में थे ही नहीं जबकि नवजोत कौर सिद्धू, जो उस कार्यक्रम में मुख्या अतिथि थीं, को लेकर कहा गया है कि मुख्या अतिथि किसी वेन्यू पर जा कर ये जांच नहीं करता कि वहां किस तरह के इंतजाम हैं क्योंकि यह जिम्मा आयोजकों का होता है।
इस तरह इस मामले में नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू को ”क्लीन चिट” दी गई है। इस रिपोर्ट पर आगे क्या कार्रवाई पंजाब सरकार करेगी इसका फैसला मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह तय करेंगे।
रिपोर्ट में सिद्धू के करीबी माने जाने वाले पार्षद के बेटे सौरभ मिट्ठू मदान के बारे में कहा गया है कि उन्होंने कार्यक्रम के लिए न तो सही तरीके से तमाम विभागों से अनुमति ली और न ही लोगों की सुरक्षा के लिए जरूरी इंतजाम किये। रिपोर्ट के मुताबिक आयोजकों ने दशहरे के कार्यक्रम को काफी देरी से शुरू किया और आयोजकों ने सिद्धू दंपति के नाम को भुनाने की कोशिश की।
रिपोर्ट में स्थानीय प्रशासन को भी लताड़ लगाई गयी है और कहा गया है कि प्रशासन ने अनुमति देने से पहले आयोजन स्थल पर सही इंतजाम की जांच नहीं की। नगर निगम और लोकल पुलिस ने भी वेन्यू पर हो रहे कार्यक्रम की तैयारियों की जांच नहीं की। जब कार्यक्रम चल रहा था, तब भी किसी पुलिस या नगर निगम कर्मचारी ने रेलवे ट्रैक पर खड़े लोगों को सावधान नहीं किया वहां से हटाया नहीं। रिपोर्ट में रेलवे गेटमैन की भी गलती बताई गई है कि उसने भीड़ होने के बावजूद ट्रेन को धीमी गति से निकालने के लिए या रोकने के लिए सिग्नल नहीं दिया।