भाजपा को राजस्थान विधानसभा चुनाव की वोटिंग से पहले एक बड़ा झटका लगा है। पार्टी का बड़ा दलित चेहरा माने जाने वालीं बहराइच की सांसद सावित्री बाई फुले ने भाजपा छोड़ दी है। उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
गुरूवार को फुले का भाजपा छोड़ने का फैसला सामने आया है। गौरतलब है कि तीन दिन पहले ही फुले ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हनुमानजी को दलित बताए जाने के बाद बहराइच से भाजपा सांसद सावित्री बाई फुले ने इसका समर्थन करते हुए कहा था कि हनुमान जी दलित थे। ”हनुमानजी मनुवादियों के गुलाम थे।”
फुले ने कहा था – ”हनुमान दलित थे और मनुवादियों के गुलाम थे। अगर लोग कहते हैंं कि भगवान राम हैं और उनका बेड़ा पार कराने का काम हनुमानजी ने किया था। उनमें अगर शक्ति थी तो जिन लोगों ने उनका बेड़ा पार कराने का काम किया, उन्हें बंदर क्यों बना दिया? उनको तो इंसान बनाना चाहिये था लेकिन इंसान न बनाकर उन्हें बंदर बना दिया गया। उनको पूंछ लगा दी गई, उनके मुंह पर कालिख पोत दी गयी। चूंकि वह दलित थे इसलिये उस समय भी उनका अपमान किया गया।”
फुले ने इस ब्यान में संकेत दिए थे कि वे भाजपा में घुटन महसूस कर रही हैं।
उन्होंने कहा था – हम तो यह देखते हैं कि अब देश तो न भगवान के नाम पर चलेगा और नाहीं मंदिर के नाम पर। अब देश चलेगा तो भारतीय संविधान के नाम पर। हमारे देश का संविधान धर्मनिरपेक्ष है और उसमें सभी धर्मो की सुरक्षा की गारंटी है और बराबर सम्मान का अधिकार है।” ऐसा माना गया था कि फुले का यह ब्यान भाजपा पर कटाक्ष है जो २०१९ के लोक सभा चुनाव से पहले राम मंदिर का मुद्दा गर्म कर रही है।